🤔क्या प्रभु की वापसी मनुष्य के सामने प्रकट होने वाले पुनर्जीवित यीशु का आध्यात्मिक देह है या यह मनुष्य के पुत्र के रूप में मनुष्य के सामने प्रकट होने वाला देहधारण है?
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संदर्भ के लिए बाइबिल के पद:
"आधी रात को धूम मची : देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो" (मत्ती 25: 6)।
"देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ" (प्रकाशितवाक्य 3: 20)
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"'वह जिसके कान हो, सुन ले कि आत्मा ने कलीसियाओं से क्या कहा।' … कई विवेकहीन मनुष्य हैं जिनका मानना है कि पवित्र आत्मा के वचन मनुष्य के कान में सीधे स्वर्ग से उतर कर आने चाहिए। इस प्रकार सोचने वाला कोई भी परमेश्वर के कार्य को नहीं जानता है। वास्तव में, पवित्र आत्मा के द्वारा कहे गए कथन वे ही हैं जो परमेश्वर ने देहधारी होकर कहे। पवित्र आत्मा प्रत्यक्ष रूप से मनुष्य से बात नहीं कर सकता है, और यहाँ तक कि व्यवस्था के युग में भी, यहोवा ने प्रत्यक्ष रूप से लोगों से बात नहीं की। क्या इस बात की बहुत कम सम्भावना नहीं होगी है कि वह आज के युग में भी ऐसा ही करेगा? कार्य को करने के लिए परमेश्वर को कथनों को बोलने के लिए, उसे अवश्य देहधारण करना चाहिए, अन्यथा उसका कार्य उसके उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकता है। जो परमेश्वर के देहधारी होने को इनकार करते हैं, वे ऐसे लोग होते हैं जो आत्मा को या उन सिद्धान्तों को नहीं जानते हैं जिनके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है।"
"वह मनुष्य किस प्रकार परमेश्वर के प्रकटनों को प्राप्त कर सकता है जिसने उसे अपनी ही धारणाओं में परिभाषित किया है?" से
"सभी कलीसियाओं में परमेश्वर का प्रकटन पहले से ही उभर चुका है। यह पवित्रात्मा है जो बोलता है, वह एक प्रचण्ड अग्नि है, उसमें तेज है और वह न्यायकर्ता है; वह मनुष्य का पुत्र है, पाँवों तक का वस्त्र पहिने, और छाती पर सोने का पटुका बाँधे हुए है। उसके सिर और बाल श्वेत ऊन के समान उज्ज्वल हैं, और उसकी आँखें आग की ज्वाला के समान हैं। उसके पाँव उत्तम पीतल के समान हैं जो मानो भट्ठी में तपाये गये हों; और उसकी आवाज बहुत से जल की ध्वनि के समान है। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिये हुए है, और उसके मुख में दोधारी तलवार है और उसका मुँह ऐसा प्रज्वलित है जैसे सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है!"
"वचन देह में प्रकट होता है" से
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