तुम सार्वजनिक रूप से अपने भाइयों और बहनों की आलोचना करते हो मानो कि यह कोई बात ही न हो। तुम वास्तव में भले-बुरे का भेद नहीं जानते; तुम शर्मिंदगी नहीं जानते! क्या यह बहुत ही धृष्ट, लापरवाह व्यवहार नहीं है? तुम लोगों में से प्रत्येक उलझन में है और एक भारी दिल लिए हुए है; तुम अपने दिलोदिमाग में बहुत सामान ढोते हो और अब मेरे लिए तुम्हारे पास कोई जगह नहीं बची है। अंधे लोगों!
तुम कितने क्रूर हो—यह कब खत्म होगा?
तुम कितने क्रूर हो—यह कब खत्म होगा?
मैं बार-बार तुम सभी से अपने दिल से बात करता हूँ और मेरे पास जो भी है, मैं वह सब तुम लोगों को दे देता हूँ लेकिन तुम सब इतने कंजूस हो और तुम लोगों में ज़रा सी मानवता भी नहीं है; यह वास्तव में समझ से परे है। तुम अपनी अवधारणाओं से क्यों चिपके रहते हो? तुम मुझे अपने अंदर कुछ जगह क्यों नहीं दे सकते? कैसे मैं संभवतः तुम लोगों को कोई भी नुकसान पहुँचा सकता हूँ? तुम्हें इस तरह से व्यवहार करते रहना नहीं चाहिए—मेरा दिन वास्तव में अब दूर नहीं है। लापरवाही से बात मत करो, अंधाधुंध व्यवहार न करो, या लड़ाई कर परेशानी का कारण न बनो; यह तुम सब के जीवन में क्या भला कर सकता है? मैं तुम सभी को सचमुच बता रहा हूँ, जब मेरा दिन आयेगा, तो चाहे एक भी व्यक्ति न बचाया जाए, फिर भी मैं अपनी योजना के अनुसार ही मामलों को संभालूँगा। तुम्हें पता होना चाहिए कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ! कोई भी वस्तु, कोई भी व्यक्ति या कोई भी घटना मेरे क़दमों को आगे बढ़ने से रोकने की हिम्मत नहीं करती है। तुम सब को यह नहीं सोचना चाहिए कि मेरे पास तुम लोगों के बिना अपनी इच्छा पूरी करने का कोई तरीक़ा नहीं है। मैं तुम्हें बता सकता हूँ कि यदि तुम अपने जीवन को इस नकारात्मक तरीके से जीते हो, तो तुम केवल अपने ही जीवन को बर्बाद कर डालोगे और यह मेरी चिंता नहीं होगी।
पवित्र आत्मा का कार्य एक निश्चित चरण तक प्रगति कर चुका है और गवाही एक चरम सीमा तक पहुँच गई है। यह सीधा-सादा सच है। जल्दी करो, तुम लोग अपनी धुँधली आँखें खोलो, तुम सब के लिए किये गए मेरे कष्टप्रद प्रयासों को व्यर्थ न होने दो, और अब अपने आप को और तुष्ट न करो। तुम लोग मेरे सामने तो अच्छे कर्म करने में खुश होते हो, लेकिन जब मैं उपस्थित नहीं होता हूँ तो क्या तुम सभी के कार्यों और व्यवहार को मेरे सामने पेश किया जा सकेगा ताकि मैं उन्हें देख सकूँ? तुम भले और बुरे का भेद नहीं जानते! तुम सब मेरी बात नहीं सुनते हो, तुम मेरे सामने तो कुछ करते हो, और मेरी पीठ के पीछे कुछ और करते हो। तुम्हें अभी भी यह एहसास नहीं हुआ है कि मैं परमेश्वर हूँ जो मनुष्य के अंतरतम हृदय में झाँकता है। कितने अज्ञानी हो!
बाद में, आगे चलकर, तुम्हें चालाकियाँ नहीं करनी चाहिए, न ही तुम्हें धोखाधड़ी और कुटिलता में पड़ना चाहिए, अन्यथा परिणाम अकल्पनीय होंगे! तुम लोग अब भी नहीं जानते कि धोखा और कुटिलता क्या हैं। कोई भी कर्म या व्यवहार जो तुम मुझे नहीं दिखा सकते हो, जिसे तुम खुले में नहीं ला सकते हो, वह धोखाधड़ी और कुटिलता है। अब तुम्हें यह समझ लेना चाहिए! अब यदि तुम भविष्य में धोखाधड़ी और कुटिलता में पड़ते हो, तो न समझने का नाटक मत करना, यह तो जानबूझकर भूल करना, और भी अधिक दोषी बनना, है। यह केवल तुम्हें आग में जल जाने की ओर, या इससे भी बदतर, खुद को बर्बाद कर देने की ओर ही, ले जायेगा। तुम्हें समझना चाहिए! आज तुम लोग जिसका सामना कर रहे हो, वह प्रेम की ताड़ना है; यह निश्चित रूप से क्रूर न्याय नहीं है। यदि तुम इसे नहीं देख पा रहे हो, तो तुम बहुत दयनीय हो, और तुम तो सभी उम्मीदों से बिल्कुल परे हो। यदि तुम प्रेम की ताड़ना को स्वीकारने के इच्छुक नहीं हो, तो तुम्हारे साथ क्रूर न्याय ही हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो यह शिकायत न करना कि मैंने तुम्हें बताया नहीं था। यह मैं नहीं हूँ जो अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे हट गया, बल्कि तुम सब ने मेरे वचनों को नहीं सुना है और मेरे कार्यों को पूरा नहीं किया है। मैं अभी तुम्हें यह बता दे रहा हूँ, ताकि मुझे बाद में दोषी न ठहराया जाए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें