2019-03-17

अध्याय 14

अब समय सही में महत्वपूर्ण है। पवित्र आत्मा हमें परमेश्वर के वचनों में ले जाने के लिए कई अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है। तुम्हें सभी सत्यों से लैस होना चाहिए, पवित्र होना चाहिए, मेरे साथ एक सच्ची निकटता और सहयोग रखना चाहिए; तुम्हारे पास चुनने के लिए कोई और विकल्प नहीं है। पवित्र आत्मा का कार्य भावना के बिना है और तुम किस प्रकार के व्यक्ति हो वह इसकी परवाह नहीं करता है।
जब तक तुम खोज और अनुसरण करने के लिए तैयार हो—बहाने नहीं बनाते हो, अपने फ़ायदे और नुकसान पर बहस नही करते हो, बल्कि धार्मिकता के लिए भूख और प्यास के साथ खोज करते हो, तो मैं तुम्हें प्रबुद्ध करूंगा। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि तुम कितने मूर्ख और अज्ञानी हो, मुझे ऐसी चीज़ें नहीं दिखाई देती हैं। मैं यह देखता हूं कि सकारात्मक पहलू पर तुम कितनी मेहनत करते हो। यदि तुम फिर भी स्वयं की अवधारणा को ज़ोर-से पकड़कर रखते हो, अपनी छोटी-सी दुनिया में गोल-गोल घूमते हो, तो मुझे लगता है कि तुम ख़तरे में हो। उत्साह क्या है? त्याग दिए जाने का क्या मतलब है? आज तुम्हें परमेश्वर के सामने कैसे जीना चाहिए? तुम्हें मेरे साथ सक्रियता से सहयोग कैसे करना चाहिए? अपनी अवधारणाओं से छुटकारा पाओ, स्वयं का अवलोकन करो, अपना मुखौटे हटाओ, अपने सच्चे रंगों को स्पष्टता से देखो, अपने आप से घृणा करो, एक ऐसा दिल रखो जो धार्मिकता की खोज भूख और प्यास के साथ करता हो, मानो कि तुम वास्तव में कुछ भी नहीं हो, स्वंय को छोड़ने के लिए तैयार रहो, चीज़ों को करने के अपने सभी तरीकों को रोकने में सक्षम बनो, मेरे सामने अपने आप को शांत करो, अधिक प्रार्थनाएं करो, ईमानदारी से मुझ पर निर्भर रहो, मेरी ओर देखो, और मेरे करीब आने और मेरे साथ साहचर्य करना बंद न करो—यह मुख्य बात है। लोग अक्सर अपने में मग्न हो जाते हैं और परमेश्वर के सामने नहीं रहते हैं।
लोगों के लिए पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य की कल्पना करना वास्तव में कठिन है और यह सब वास्तविकता में प्रवेश करता है; तुम विचारहीन नहीं हो सकते हो। यदि तुम्हारा दिल और मस्तिष्क सही नहीं है, तो तुम्हारे पास बच निकलने का कोई रास्ता नहीं होगा। शुरुआत से लेकर अंत तक, तुम्हें हर समय चौकन्ना रहना होगा और लापरवाही से स्वयं को बचा कर रखना होगा। धन्य हैं वे लोग जो लगातार चौकन्ने रहते हैं और प्रतीक्षा करते हैं और मेरे सामने शांत रहते हैं! धन्य हैं वे लोग जो लगातार दिल से मेरी ओर देखते हैं, जो मेरी आवाज़ को निकटता से सुनने पर ध्यान देते हैं, जो मेरे कार्यों पर ध्यान देते हैं और मेरे वचनों को अभ्यास में लाते हैं! सही में कोई देरी नहीं की जा सकती है। सभी प्रकार की विपत्तियां तेज़ी से फैलेंगी, और एक बाढ़ की तरह तुम लोगों को निगलने के लिए अपना क्रूर, खूनी मुंह खोलेंगी। मेरे बेटों! समय आ गया है! अब सोचने के लिए समय नहीं बचा है। एकमात्र तरीका जो तुम लोगों को मेरी सुरक्षा में लाएगा, वह है मेरे सामने वापस आना। तुम्हारे पास मर्द के बच्चे के चरित्र की शक्ति होनी चाहिए, कमज़ोर या निराश न हो; तुम्हें मेरे कदमों के साथ चलना होगा, नई रोशनी से अस्वीकार न करो और जब तुम लोगों को बताया जाए कि कैसे खाना है, तो तुम्हें सही तरीके से आज्ञा माननी चाहिए और खाना चाहिए। क्या अभी भी मनमाने ढंग से एक दूसरे के साथ लड़ने या संघर्ष करने के लिए समय है? यदि तुम भरपेट नहीं खाओगे और सत्य से पूरी तरह तैयार नहीं रहोगे, तो क्या तुम युद्ध कर सकते हो? यदि तुम धर्म पर जीत चाहते हो, तो तुम्हें सत्य के साथ पूरी तरह तैयार होना होगा। मेरे वचनों को अधिक खाओ और पिओ और मेरे वचनों पर अधिक विचार करो। तुम्हें मेरे वचनों को स्वतंत्र रूप से खाना और पीना चाहिए और परमेश्वर के करीब आने से आरंभ करना चाहिए। इसे अपने लिए चेतावनी मानो! तुम्हें ध्यान से सुनना चाहिए! जो लोग होशियार हैं वे जल्दी से सच को पहचान जाएंगे! उन सभी चीज़ों को त्याग दो जिन्हें तुम छोड़ने के इच्छुक नहीं हो। मैं तुम्हें एक बार फिर बताता हूं कि ये चीज़ें वास्तव में तुम्हारे जीवन के लिए हानिकारक हैं और इनका कोई लाभ नहीं है! मुझे उम्मीद है कि तुम अपने कार्यों में मुझ पर भरोसा कर पाओगे, अन्यथा आगे का एकमात्र रास्ता मृत्यु का मार्ग होगा, और फिर जीवन के मार्ग की खोज करने के लिए तुम कहां जाओगे? अपने उस दिल को पीछे खींच लो जो बाहरी चीज़ों के साथ व्यस्त रहना पसंद करता है! अपने उस दिल को पीछे खींच लो जो अन्य लोगों की अवज्ञा करता है! यदि तुम्हारा जीवन समझदार नहीं बन सकता और तुम्हें त्याग दिया जाता है, तो क्या तुम्हारे फिसलने का कारण तुम नहीं होगे? पवित्र आत्मा का काम अब वैसा नहीं है जैसा तुम सोचते हो। यदि तुम अपनी धारणाओं को छोड़ नहीं पाते हो, तो तुम्हें बड़ी हानि सहन करनी होगा। यदि कार्य मनुष्यों की अवधारणाओं को ध्यान में रखते हुए हो, तो क्या तुम्हारी पुरानी प्रकृति और अवधारणाएं प्रकाश में आएंगी? क्या तुम अपने आप को जान सकोगे? हो सकता है कि तुम्हें अभी भी लगता हो कि तुम्हारी कोई अवधारणाएं नहीं हैं, लेकिन इस बार तुम्हारे सभी बदसूरत पहलू स्पष्टता से प्रकाश में आएंगे। सावधानी से अपने आप से पूछो:
क्या तुम ऐसे व्यक्ति हो जो मेरी आज्ञा का पालन करता है?
क्या तुम अपने आप को छोड़कर मेरे पीछे चलने के लिए इच्छुक और तैयार हो?
क्या तुम ऐसे व्यक्ति हो जो साफ़ दिल से मेरा चेहरा खोजता है?
क्या तुम जानते हो कि मेरे साथ कैसे आना है और मेरे साथ कैसे साहचर्य करना है?
क्या तुम मेरे सामने अपने आप को शांत कर सकते हो और मेरी इच्छा तलाश सकते हो?
क्या तुम उन वचनों को अभ्यास में लाते हो जिन्हें मैं तुम्हारे सामने प्रकट करता हूं?
क्या तुम मेरे सामने एक सामान्य स्थिति बनाए रख सकते हो?
क्या तुम शैतान की चालाक योजनाओं को देख पाते हो? क्या तुम उन्हें बेनकाब करने की हिम्मत रखते हो?
तुम परमेश्वर के बोझ के प्रति कैसे विचारशील हो?
क्या तुम परमेश्वर के बोझ के प्रति विचारशील हो?
तुम पवित्र आत्मा के काम को कैसे समझते हो?
तुम परमेश्वर के परिवार में समन्वय के साथ कैसे सेवा करते हो?
तुम मेरे लिए एक मजबूत गवाही कैसे देते हो?
सत्य के लिए अच्छी लड़ाई तुम कैसे लड़ते हो?
इन सत्यों पर अच्छी तरह से विचार करने के लिए तुम्हें समय लेना होगा। तथ्य यह बात साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि दिन बहुत करीब है। आपदाओं से पहले तुम्हें पूर्ण किया जाना होगा—यह बहुत महत्वपूर्ण बात है जिसे तत्काल हल किया जाना चाहिए! मैं तुम लोगों को पूरा करने की इच्छा रखता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि तुम लोग वास्तव में कुछ हद तक बेलगाम हो। तुम में क्षमता है लेकिन तुम इसका सर्वोत्तम उपयोग नहीं करते हो और तुमने सबसे महत्वपूर्ण बातों को नहीं समझा है, बल्कि तुमने केवल मामूली बातों को समझा है।इन बातों पर विचार-विमर्श करने का क्या उपयोग है? क्या यह समय की बर्बादी नहीं है? मैं तुम लोगों पर इस तरह से दयालुता दिखाता हूं लेकिन तुम लोग कोई भी प्रशंसा दिखाने में असफल हो और तुम केवल आपस में लड़ते हो, तो क्या मेरे सभी मेहनती प्रयास बेकार नहीं गए हैं? यदि तुम इस तरह से चलते रहोगे, तो मैं तुम लोगों को मनाने में समय नहीं लगाऊंगा! मैं तुम लोगों से कहूंगा कि जब तक तुम लोग सत्य को नहीं समझते हो, तब तक पवित्र आत्मा का कार्य तुमसे खींच लिया जाएगा! तुम लोगों को खाने के लिए अधिक नहीं दिया जाएगा, और तुम लोगों को जो ठीक लगे उस पर विश्वास कर सकते हो। मेरे वचनों को विस्तार से बोला गया है; सुनो या न सुनो, यह तुम लोगों पर निर्भर है। जब ऐसा समय आएगा जब तुम लोग उलझन में रहोगे और तुम लोगों के पास आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं दिखेगा और सच्चे प्रकाश को नहीं देख पाओगे, तो क्या तुम लोग मुझे दोष दोगे? ऐसी अज्ञानता! यदि तुम अपने आप से कसकर चिपके रहोगे और छोड़ने से इनकार कर दोगे, तो परिणाम क्या होना चाहिए? क्या तुम्हारा काम निरर्थक अभ्यास नहीं होगा? आपदाओं के आने पर अलग कर दिया जाना कितना दयनीय है!
अब कलीसिया के निर्माण का महत्वपूर्ण चरण है। यदि तुम मेरे साथ सक्रियता से सहयोग करने में और मेरे सामने तहेदिल से समर्पण करने में असमर्थ रहोगे, यदि तुम सब कुछ त्याग नहीं कर सकोगे, तो तुम्हें हानि का सामना करना होगा; क्या फिर भी तुम्हारे दूसरे इरादे होंगे? मैंने इस प्रकार से तुम लोगों पर उदारता दिखाई है, प्रतीक्षा करते हुए कि तुम लोग पश्चाताप करोगे और फिर से आरंभ करोगे। लेकिन वास्तव में, समय अब इसकी अनुमति नहीं देता है और मुझे अब समग्र स्थिति पर विचार करना होगा। परमेश्वर की प्रबंधन योजना के उद्देश्य के लिए, सब कुछ आगे बढ़ रहा है और मेरे कदम हर दिन, हर घंटे, हर पल आगे बढ़ रहे हैं, और जो लोग मेरे साथ नहीं रह पाएंगे, उन्हें त्याग दिया जाएगा। हर दिन नई रोशनी होती है, हर दिन नए कर्म किए जाते हैं, हर दिन नई चीज़ें होती हैं और जो लोग प्रकाश नहीं देख पा रहे हैं वे अंधे हैं! जो लोग अनुसरण नहीं करेंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा...।
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया--सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन

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