2019-05-21

अध्याय 80



प्रबुद्ध और रोशन होने के लिए हर किसी को मेरे साथ वास्तविक संवाद की आवश्यकता होती है; इसके अलावा, केवल इसके माध्यम से आध्यात्मिक जगत से सम्बन्धित भावना शांत हो सकती है। अन्यथा, इसे शांति नहीं होगी। अब तुम लोगों की सबसे गंभीर बीमारी मेरी सामान्य मानवता को मेरी पूर्ण दिव्यता से अलग कर देना है; इसके अलावा, तुममें से अधिकांश लोग मेरी सामान्य मानवता पर ज़ोर देते हैं, मानो कि वे कभी जानते ही नहीं कि मेरे पास पूर्ण दिव्यता भी है। यह मुझे तिरस्कृत करता है!क्या तुम जानते हो? तुम लोगों की बीमारी इतनी गंभीर है कि यदि तुम जल्दी नहीं करते हो और ठीक नहीं होते हो, तो तुम मेरे हाथों मारे जाओगे। मेरे सामने तुम एक तरह से व्यवहार करते हो (एक खरे सज्जन, विनम्र और धैर्यपूर्ण दिखाई देते हो), लेकिन मेरी पीठ के पीछे तुम पूरी तरह से अलग व्यवहार करते हो (पूरी तरह से एक नकली सज्जन, लम्पट और असंयमित, अपनी मनमानी करते हुए, गुट बनाते हुए, स्वतंत्र राज्य स्थापित करते हुए, मुझे धोखा देने की इच्छा रखते हुए), तुम अंधे हो! अपनी आँखों को खोलो जो शैतान द्वारा भ्रमित की गई हैं! मैं वास्तव में कौन हूँ, यह देखो! तुम्हें कोई शर्म नहीं है! तुम नहीं जानते कि मेरे कार्य आश्चर्यजनक होते हैं! तुम मेरी सर्वशक्तिमत्ता के बारे में नहीं जानते हो! किसके बारे में यह कहा जाएगा कि वह मसीह की सेवा करता है फिर भी बचाया नहीं गया है? तुम नहीं जानते कि तुम कौन सी भूमिका अदा कर रहे हो! तुम वास्तव में मेरे सामने वेश बदल कर आते हो अपनी मनोहरता को दिखाते हुए, कैसे कमबख्त हो! मैं तुम्हें अपने घर से बाहर धकेल दूँगा, मैं इस प्रकार के व्यक्ति का उपयोग नहीं करता क्योंकि मैंने उसे पूर्वनिर्धारित नहीं किया था न ही उसे चुना था।
मैं जो कहता हूँ, वही करता हूँ, जो बुराई करते हैं उन्हें डरना नहीं चाहिए। मैं किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं करता हूँ। मैं हमेशा अपनी योजना के अनुसार कार्य करता हूँ, मेरी धार्मिकता के अनुरूप व्यवहार करता हूँ। चूँकि जो लोग बुराई करते हैं, वे सृष्टि के निर्माण से ही शैतान के वंशज हैं, मैंने उन्हें नहीं चुना, यही अर्थ है इस कहावत का कि "तेंदुए अपने धब्बे नहीं बदलते हैं।" उन मुद्दों पर जो मानवजाति की समझ में नहीं आते हैं, सब कुछ स्पष्ट हो गया है और मेरे लिए कुछ भी छिपा हुआ नहीं है। शायद तुम कुछ लोगों की आँखों से थोड़ा छिपा सकते हो, थोड़े-बहुत लोगों का भरोसा हासिल कर सकते हो, लेकिन मेरे साथ यह करना इतना आसान नहीं है। अंत में तुम मेरे न्याय से बच नहीं सकते हो। मानवजाति की नज़र सीमित होती है, और ऐसा माना जाता है कि उन लोगों के पास भी कुछ कौशल है जो वर्तमान स्थिति के एक छोटे से हिस्से को ही समझ पाते हैं। मेरे लिए सब कुछ सुचारू रूप से आगे बढ़ता जाता है, कुछ भी मेरे रास्ते में बिलकुल नहीं आता है, क्योंकि सब कुछ मेरे नियंत्रण और मेरी व्यवस्था में होता है। कौन मेरे नियंत्रण के प्रति समर्पित न होने की हिम्मत करेगा! मेरे प्रबंधन में बाधा डालने की हिम्मत कौन करेगा! कौन मेरे प्रति विश्वासघात या कुटिल होने का साहस करेगा! मुझे कुछ ऐसा बताने की हिम्मत कौन करेगा जो सच न हो, बल्कि झूठ का एक पुलिंदा हो! उनमें से कोई भी मेरे क्रुद्ध हाथों से बच नहीं पाएगा। यदि तुम अब हार मान भी चुके हो, और तुम ताड़ना पाने के लिए और अथाह गड्ढे में प्रवेश करने के लिए तैयार हो, तो भी मैं तुम्हें आसानी से नहीं छोडूँगा। मुझे तुम्हें अथाह गड्ढे से पुनः निकाल लाना होगा ताकि तुम एक बार फिर मेरी क्रोधपूर्ण सजा (चरम सीमा की नफ़रत) के अधीन हो जाओ, यह देखना होगा कि तुम कहाँ भागते हो। जिस चीज़ से मैं सबसे ज्यादा नफ़रत करता हूँ वह मेरी सामान्य मानवता को मेरी पूर्ण दिव्यता से अलग करना है।
जो मेरे प्रति वफ़ादार हैं वे धन्य हैं, अर्थात वे लोग धन्य हैं जो वास्तव में मुझे ऐसे परमेश्वर स्वयं के रूप में पहचानते हैं जो मानव हृदय की बारीकी से जाँच करता हो, और मैं निश्चित रूप से उनके आशीर्वादों को कई गुना बढ़ा दूँगा, जिससे वे हमेशा के लिए मेरे राज्य में अच्छे आशीर्वाद का आनंद ले सकें। शैतान को शर्मिंदा करने का यह सबसे प्रभावी तरीका भी है। बहरहाल, बहुत अधीर या चिंतित न हो, हर बात के लिए मैंने एक समय निर्धारित किया है। यदि मेरा पूर्वनिर्धारित समय अभी नहीं आया है, भले ही पल भर ही बाक़ी हो, मैं कार्य नहीं करूँगा। मैं सटीक रूप से और एक लय में कार्य करता हूँ, अकारण कार्य नहीं करता। मानव जाति के लिए मैं चिंतित नहीं हूँ, ताइशान पर्वत की तरह स्थिर हूँ, लेकिन क्या तुम नहीं जानते हो कि मैं ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर स्वयं हूँ? बहुत अधीर मत बनो, सब कुछ मेरे हाथों में है। सब कुछ बहुत समय से तैयार हो रखा है, वे सारी चीज़ें मेरी सेवा करने के लिए अधीर हैं। पूरी ब्रह्मांडीय दुनिया बाहर से उथल-पुथल दिखती है, लेकिन मेरे परिप्रेक्ष्य से यह सुव्यवस्थित है। मैंने तुम सब के लिए जो तैयार किया है वह केवल तुम लोगों के आनंद के लिए है, क्या तुम्हें इसका एहसास है? मेरे प्रबंधन में अपना दख़ल मत डालो, सभी लोगों और सभी राष्ट्रों को मैं अपने कार्यों से अपनी सर्वशक्तिमत्ता को देखने दूँगा, और मेरे अद्भुत कृत्यों के लिए मेरे पवित्र नाम को धन्य करने और उसकी प्रशंसा करने दूँगा। क्योंकि मैंने कहा था कि मैं जो कुछ भी करता हूँ वह निराधार नहीं होता, बल्कि सब कुछ मेरी बुद्धि और मेरी शक्ति से, मेरी धार्मिकता और प्रताप से, और इससे भी अधिक मेरे क्रोध से, भरा होता है।
जो लोग मेरे वचनों को सुनते ही तुरंत जाग उठते हैं, वे निश्चित रूप से मेरे आशीर्वाद को, निश्चित रूप से मेरी सुरक्षा और देखभाल को, प्राप्त करेंगे, और ताड़ना की पीड़ा का अनुभव नहीं करेंगे, बल्कि स्वर्ग के सुख का आनंद लेंगे। क्या तुम यह जानते हो? पीड़ा अनंत होती है, लेकिन आनंद और भी अधिक शाश्वत होता है; वे दोनों अब से अनुभव किये जाएँगे। तुम पीड़ित हो या खुश हो, यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम्हारे पास एक पश्चातापी मनोभाव है या नहीं। जहाँ तक इस बात का प्रश्न है कि तुम मेरे पूर्वनिर्धारित और चुने गए लोगों में से एक हो या नहीं, मैंने जो कुछ कहा है उसके प्रकाश में तुम्हें सुनिश्चित होना चाहिए। तुम मनुष्यों को मूर्ख बना सकते हो, लेकिन तुम मुझे मूर्ख नहीं बना सकते। जिन लोगों को मैंने पूर्व निर्धारित किया और चुना है वे अब से आगे बहुत ही धन्य होंगे; जिन लोगों को मैंने पूर्वनिर्धारित और चयनित नहीं किया है, उन्हें अब से आगे मैं कठोर ताड़ना दूँगा। यह तुम सब के लिए मेरा प्रमाण होगा। जो लोग अभी धन्य हैं, वे निस्संदेह मेरे प्यारे हैं; यह कहने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए कि जिन्हें ताड़ना मिलती है, वे लोग मेरे द्वारा पूर्वनिर्धारित और चुने हुए नहीं हैं। तुम्हें इस बारे में स्पष्ट होना चाहिए! कहने का तात्पर्य है, यदि अब तुम जो पाते हो वह मेरा निपटारा है, यदि वे मेरे कठोर न्याय के वचन हैं, तो तुम मेरे दिल में घृणित और तिरस्कृत हो और तुम वो लोग होगे जिन्हें मैं अलग हटा दूँगा। अगर तुम्हें मेरी सांत्वना मिलती है और अगर तुम्हें जीवन के लिए मेरा प्रावधान मिलता है, तो तुम मेरी शरण में हो, तुम मेरे प्यारों में से एक हो। मेरी बाहरी उपस्थिति के आधार पर तुम इसे तय नहीं कर सकते हो। इस पर अपना दिमाग़ खराब मत करो!
मेरे वचन हर व्यक्ति की वास्तविक स्थिति से बात करते हैं। क्या तुम लोग यह मानते हो कि मैं यूँ ही किसी भी विषय पर बोलता हूँ? कि जो भी मेरे मन में आए, मैं वही कह देता हूँ? बिलकुल नहीं! मेरे हर वचन में मेरी बुद्धि छिपी हुई है। बस मेरे वचनों को सच मानो। बहुत ही कम समय में, वे विदेशी लोग जो सही मार्ग की खोज कर रहे हैं, आ पहुँचेंगे। उस समय तुम लोग हक्के-बक्के रह जाओगे और बिना किसी कठिनाई के सब कुछ पूरा कर दिया जाएगा। क्या तुम नहीं जानते कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ? मेरे वचनों को सुनते ही तुम सब दृढ़ता से उन पर विश्वास करते हो, है ना? मैं भूल नहीं करता, गलत बयान देने की बात तो छोड़ ही दो, क्या तुम इसे जानते हो? इसलिए, मैंने बार-बार ज़ोर देकर कहा है कि मैं तुम लोगों को उनका नेतृत्व और चरवाही करने के लिए जल्दी से प्रशिक्षित कर रहा हूँ, क्या तुम इसे जानते हो? तुम लोगों के माध्यम से मैं उन्हें सिद्ध करूँगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि, तुम सब के माध्यम से मैं अपने महान संकेतों और चमत्कारों को प्रकट कर दूँगा, अर्थात्, उन लोगों में से जिन्हें मानव जाति तुच्छ मानती है, मैंने लोगों के एक समूह को मुझे प्रकट करने के लिए, मेरे नाम की महिमा करने के लिए, मेरी खातिर सारा दायित्व लेने के लिए, मेरे साथ राजाओं के रूप में शासन करने के लिए, चुना है। इसलिए, मैं अभी तुम लोगों को जिसका प्रशिक्षण दे रहा हूँ, वह दुनिया का सबसे बड़ा प्रबंधन है; यह एक अद्भुत चीज़ है जिसे मानवजाति संपादित नहीं कर सकती है। तुम लोगों को सिद्ध करने के माध्यम से मैं शैतान को आग और गंधक की झील और अथाह गड्ढे में डाल दूँगा, पूरी तरह से बड़े लाल अजगर को उसकी मृत्यु के लिए, कभी भी दुबारा जीवित न होने के लिए, नीचे फ़ेंक दूँगा। इसलिए, जो भी अथाह गड्ढे में फेंक दिए जा रहे हैं वे बड़े लाल अजगर के वंशज हैं। मैं उनसे एक चरम सीमा तक नफ़रत करता हूँ। मैंने यह हासिल कर लिया है, क्या तुम सब देख नहीं सकते हो? वे सब जो विश्वासघाती हैं, वे जो कुटिलता और धोखाधड़ी से काम करते हैं, उघाड़ दिए गए हैं। जो अभिमानी, दम्भी, आत्म-तुष्ट और ढीठ हैं वे उस महादूत के वंशज हैं और वे सर्वाधिक प्रतीकात्मक रूप से शैतान जैसे ही हैं—वे सभी मेरे शपथबद्ध दुश्मन, मेरे विरोधी हैं। अपने दिल की घृणा को बुझाने के लिए मुझे उन्हें एक-एक करके दंडित करना होगा। मैं इसे क्रम से करूँगा और क्रम से हल कर दूँगा।
अब, आग और गंधक की झील और अथाह गड्ढा आखिर क्या हैं? मानवजाति की कल्पना में आग और गंधक की झील एक भौतिक चीज़ है, लेकिन मानवजाति को यह नहीं पता कि यह एक बेहद गलत व्याख्या है, फिर भी मानवजाति के दिमागों में यह एक निश्चित स्थान बनाए हुए है। आग और गंधक की झील मेरा हाथ है जो मानवजाति में ताड़ना बाँटता है। जो भी आग और गंधक की झील में फेंक दिया गया है, वह मेरे हाथ से मारा गया है। इन लोगों के आध्यात्मिक जगत से सम्बन्ध, इनकी आत्माएँ, और शरीर हमेशा के लिए पीड़ित रहते हैं। जब मैंने कहा कि सब मेरे हाथों में हैं, तो यही उसका वास्तविक अर्थ है। और अथाह गड्ढे का क्या अर्थ है? मानवीय अवधारणाओं में यह एक बड़ा रसातल है जो अंतहीन और अगाध रूप से गहरा होता है। वास्तविक अथाह गड्ढा शैतान का प्रभाव है। यदि कोई व्यक्ति शैतान के हाथों में पड़ जाता है, तो वह व्यक्ति अथाह गड्ढे में है; यदि वह पंख उगा ले, तो भी वह उड़कर बाहर नहीं जा सकेगा। इसीलिए, इसे अथाह गड्ढा कहा जाता है। इन सभी लोगों को अनंत ताड़ना के अधीन किया जाएगा, मैंने इसे इस तरह व्यवस्थित किया है।
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