ओह, यह बुरा और व्याभिचारी पुराना युग! मैं तुझे निगल जाउँगा! सिय्योन पर्वत! मेरा अभिवादन करने के लिए उठ! मेरी प्रबंधन योजना के समापन के कारण, मेरे महान कार्य के सफल निष्पादन के कारण, कौन है जो उठकर जयजयकार नहीं करने का साहस करता है! कौन है जो ख़ुशी से लगातार नहीं उछलने-कूदने का साहस करता है! वे मेरे हाथों मारे जाएँगे। मैं करुणा या प्यार-भरी दया के बिना, और निष्पक्ष रूप से, सभी पर धार्मिकता कार्यान्वित करता हूँ। सभी लोगो! स्तुति करने के लिए उठो, मुझे महिमा दो! अनन्त महिमा, अनन्त से अनन्त तक, मेरे कारण ही मौजूद है और मेरे द्वारा ही स्थापित की गई थी। कौन खुद के लिए महिमा को लेने का साहस करेगा? कौन मेरी महिमा को भौतिक चीज़ के रूप में मानने का साहस करेगा?वे मेरे हाथ से मारे जाएँगे! हे, क्रूर मनुष्यो! मैंने तुम लोगों को बनाया और तुम लोगों का भरण-पोषण किया, और मैंने तुम लोगों की आज तक अगुआई की है, फिर भी तुम लोग मेरे बारे में जरा सा भी नहीं जानते हो और तुम मुझसे बिलकुल भी प्यार नहीं करते हो। मैं तुम लोगों के लिए फिर से दया कैसे दिखा सकता हूँ? मैं तुम लोगों को कैसे बचा सकता हूँ? मैं तुम लोगों के साथ केवल अपने कोप से ही व्यवहार कर सकता हूँ! मैं तुम लोगों का भुगतान विनाश के साथ करूँगा, तुम लोगों का भुगतान शाश्वत ताड़ना के साथ करूँगा। यह धार्मिकता है; इसे केवल इसी तरह से किया जा सकता है।
मेरा राज्य दृढ़ और स्थिर है; यह कभी नहीं ढहेगा, बल्कि यह अनंत काल तक अस्तित्व में रहेगा! मेरे पुत्र, मेरे ज्येष्ठ पुत्र, मेरे लोग सदा सर्वदा के लिए मेरे साथ आशीषों का आनंद लेंगे! जो लोग आध्यात्मिक मामलों को नहीं समझते हैं और जो पवित्र आत्मा से प्रकाशन प्राप्त नहीं करते हैं, उन्हें देर-सबेर मेरे राज्य से अलग कर दिया जाएगा। वे अपनी मर्जी से नहीं निकलेंगे, बल्कि मेरे लौहदण्ड के शासन द्वारा, मेरे प्रताप द्वारा निकल जाने के लिए मजबूर किये जाएँगे, और इसके अलावा, उन्हें मेरे पैर की ठोकर से निकाल दिया जाएगा। वे लोग जिन पर दुष्ट आत्माओं ने एक अवधि के लिए (जन्म के बाद से) कब्ज़ा कर रखा था, उन सभी को अब प्रकट किया जाएगा। मैं तुझे लात मारकर बाहर निकाल दूँगा! क्या तुझे अभी भी वह याद है जो मैंने कहा था? मैं—पवित्र और निष्कलंक परमेश्वर—एक कलुषित और गंदे मंदिर में नहीं रहता हूँ। जो लोग दुष्ट आत्माओं के कब्ज़े में थे, वे खुद जानते हैं, और मुझे स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। मैंने तुझे पूर्वनियत नहीं किया है! तू पुराना शैतान है, फिर भी तू मेरे राज्य में घुसपैठ करना चाहता है! बिलकुल नहीं! मैं तुझे कह रहा हूँ! आज मैं इसे तेरे लिए बहुत स्पष्ट कर दूँगा। जिन्हें मैंने मानवजाति के सृजन के समय चुना था, मैंने उन्हें अपने गुणों और अपने स्वभाव से भर दिया है; इसलिए, आज केवल वे ही मेरे प्रति वफ़ादार हैं, वे कलीसिया के लिए एक ज़िम्मेदारी वहन कर सकते हैं, और वे मेरे लिए खुद को व्यय करने और अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को मुझे अर्पित करने के लिए तैयार हैं। इसलिए जिन्हें मैंने नहीं चुना है, वे शैतान द्वारा एक निश्चित सीमा तक भ्रष्ट किए जा चुके हैं, और उनके पास मेरा कोई भी गुण और मेरा कोई भी स्वभाव नहीं है। तुम लोग सोचते हो कि मेरे वचन विरोधाभासी हैं, लेकिन ये वचन कि, "तुम लोग मेरे द्वारा पूर्वनियत और चयनित हो, फिर भी तुम लोग अपने कर्मों के फल को भुगतते हो", सब शैतान को संदर्भित करते हैं। अब मैं एक बात समझाऊँगा: आज, जो लोग उठ सकते हैं और कलीसियाओं का अधिकार ग्रहण कर सकते हैं, कलीसियाओं की चरवाही कर सकते हैं, मेरी ज़िम्मेदारी के प्रति विचारशील हो सकते हैं, और विशेष प्रकार्यों को धारण करते हैं—इनमें से कोई भी मसीह की सेवा में नहीं है। सभी वे लोग हैं जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया और चुना है। मैं तुम लोगों को यह बताता हूँ ताकि तुम सब अत्यधिक चिंता न करो और अपने जीवन की प्रगति में विलम्ब न करो। कितने लोग ज्येष्ठ पुत्रों की हैसियत को प्राप्त कर सकते हैं? क्या ऐसा हो सकता है कि यह एक डिप्लोमा प्राप्त करने जितना आसान है? असंभव! अगर मैं तुम लोगों को सिद्ध न करता, तो तुम लोग बहुत पहले शैतान द्वारा एक निश्चित सीमा तक भ्रष्ट कर दिए गए होते। इसी वजह से मैंने इस बात पर बार-बार ज़ोर दिया है कि जो मेरे प्रति वफ़ादार हैं मैं उन लोगों की हमेशा देखभाल करूँगा और उनकी रक्षा करूँगा और उन्हें नुकसान और कष्टों से बचाऊँगा। जिन्हें मैंने पूर्वनियत नहीं किया है, ये वे लोग हैं जिन पर दुष्ट आत्माओं ने कब्ज़ा कर रखा है, जो सुन्न, मंद-बुद्धि, और आध्यात्मिक रूप से अविकसित हैं और कलीसियाओं की चरवाही नहीं कर सकते हैं (अर्थात् जिनमें उत्साह तो है किन्तु जो दर्शनों के बारे में अस्पष्ट हैं)। उन्हें जल्द ही मेरी दृष्टि के सामने से हटा दिया जाना चाहिए, और यह जितनी जल्दी हो सके उतना बेहतर होगा ताकि तुझे देखकर मुझे घृणा और नाराज़गी न हो। यदि तू जल्दी से दूर हो जाता है, तो तुझे कम ताड़ना मिलेगी, लेकिन जितना अधिक समय तू लेगा, ताड़ना भी उतनी ही कठोर होगी। क्या तेरी समझ में आया? इतना बेशर्म मत बन! तू लम्पट और असंयमी है, बेढंगा और लापरवाह है, बिलकुल नहीं जानता है कि तू किस प्रकार का कचरा है! तू अंधा है!
जो लोग मेरे राज्य में सामर्थ्य रखते हैं वे सभी मेरे द्वारा सावधानी पूर्वक चुने गए हैं और बार-बार परीक्षाओं से गुज़रे हैं; कोई भी उन्हें पराजित नहीं कर सकता है। मैंने उन्हें शक्ति दी है, इसलिए वे कभी गिरेंगे या भटकेंगे नहीं। उन्होंने मेरा अनुमोदन प्राप्त कर लिया है। आज के दिन से आगे, पाखंडी लोग अपने सच्चे रंग दिखाएँगे, और वे सभी प्रकार की शर्मनाक चीज़ों को करने में सक्षम हैं, लेकिन अंततः वे मेरे हाथ से बच कर नहीं निकलेंगे जो शैतान को ताड़ित और भस्म कर देता है। मेरा मंदिर पवित्र और निर्दोष हो जाएगा। यह सब मेरे लिए एक गवाही है, मेरी एक अभिव्यक्ति है, और मेरे नाम की महिमा है। यह मेरा शाश्वत धाम है और मेरे शाश्वत प्रेम का लक्ष्य है। मैं अक्सर इसे अपने प्रेम के हाथ से दुलार करता हूँ, प्रेम की भाषा में इसे सांत्वना देता हूँ, प्रेम की दृष्टि से इसकी देखभाल करता हूँ, और प्रेम-भरे सीने से इसका आलिंगन करता हूँ, ताकि यह दुष्ट लोगों के फंदे में न गिर जाए, या शैतान से धोखा न खा ले। आज, जो मेरे लिए सेवा प्रदान करते हैं लेकिन बचाए नहीं जाते हैं, वे अंतिम समय में मेरे द्वारा उपयोग किए जाएँगे। क्यों मैं इन चीज़ों को अपने राज्य से बाहर निकालने की जल्दी में हूँ? क्यों मुझे अवश्य उन्हें अपनी दृष्टि से दूर कर देना चाहिए? मैं अपनी अस्थियों की मज्जा की गहराई तक, उनसे नफ़रत करता हूँ! क्यों मैं उनसे नफ़रत करता हूँ? क्यों मुझे उन्हें अवश्य मार डालना चाहिए? क्यों मुझे उन्हें अवश्य नष्ट कर देना चाहिए? (उनकी राख सहित, उनका एक भी अंश मेरी दृष्टि में नहीं रह सकता है)। क्यों? बड़ा लाल अजगर, प्राचीन सर्प, और पुराना शैतान भी मेरे राज्य के टुकड़ों पर पलने की तलाश में है! फिर से सोचो! उन सब का नामोनिशान तक नहीं रहेगा, वे राख में बदल जाएँगे!
मैं इस युग को नष्ट कर दूँगा, इसे अपने राज्य में बदल दूँगा, और उन लोगों के साथ अनंत काल तक आनंद से रहूँगा जिन्हें मैं प्यार करता हूँ। उन गन्दी चीज़ों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे मेरे राज्य में रह सकती हैं। क्या तुम्हें लगता है कि तुम गंदे पानी में मछली पकड़ सकते हो? फिर से सोचो! तुम नहीं जानते हो कि सब कुछ मेरी निगाहों से जाँचा जाता है! तुम नहीं जानते कि सब कुछ मेरे हाथों से व्यवस्थित किया जाता है! यह न सोचो कि तुम लोग अत्यंत सम्मानित हो! तुम लोगों में से हर एक को अपना योग्य स्थान अवश्य ग्रहण करना होगा। विनम्र होने का दिखावा मत करो (यह उन्हें संदर्भित करता है जो धन्य हैं), या काँपो और डरो नहीं (उन्हें संदर्भित करता है जो दुर्भाग्य को झेलते हैं)। अब, सभी को अपने हृदय के भीतर स्वयं को जान लेना चाहिए। भले ही मैं तुम लोगों के नाम का उल्लेख न करूँ, तब भी तुम लोगों को आश्वस्त हो जाना चाहिए, क्योंकि मैंने अपने वचनों को हर व्यक्ति पर निर्देशित किया है। इस बात की परवाह किए बिना कि तुम मेरे द्वारा चुने गए हो या नहीं, मेरे वचन तुम लोगों की समस्त परिस्थितियों पर निर्देशित हैं। अर्थात्, यदि तुम लोग मेरे चयनित में से हो, तो मैं तुम्हारी प्रस्तुति के आधार पर मेरे द्वारा चुने हुए लोगों की अवस्था की बात करता हूँ; क्यों कि जहाँ तक उन लोगों की बात है जो मेरे द्वारा चुने गए लोगों में से नहीं हैं, मैं उनकी अवस्था के अनुसार भी बोलता हूँ। इसलिए, मेरे वचन एक स्थिति तक कहे गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति को इसकी एक अच्छी समझ होनी चाहिए। अपने आप को धोखा मत दो! डरो मत! क्योंकि लोगों की संख्या सीमित है, केवल कुछ गिने-चुने ही हैं, इसलिए धोखाधड़ी नहीं चलेगी! जिस किसी को भी मैं चुना गया कहता हूँ, वह चुना गया है, और चाहे तू कितनी ही अच्छी तरह से दिखावा कर ले, मेरे गुण के बिना तू असफल रहेगा। क्योंकि मैं अपना वचन निभाता हूँ, इसलिए मैं अपनी स्वयं की योजनाओं को यूँ ही अस्त-व्यस्त नहीं करता हूँ; मैं जो भी करना चाहता हूँ वह करता हूँ, क्योंकि जो कुछ भी मैं करता हूँ वह सही होता है, मैं सर्वोच्च हूँ, और मैं अद्वितीय हूँ। क्या तू इस बारे में स्पष्ट है? क्या तेरी समझ में आया?
अब, मेरे वचनों को पढ़ने के बाद, जो लोग दुष्टता करते हैं और जो कुटिल और धोखेबाज हैं वे भी प्रगति की तलाश में कड़ी मेहनत करते हैं; खोजने में उनका प्रयास व्यक्तिपरक होता है। वे मेरे राज्य में घुसने का रास्ता बनाने के लिए एक छोटी सी क़ीमत का भुगतान करना चाहते हैं। फिर से सोच! (इन लोगों के लिए कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि मैंने उन्हें पश्चाताप करने का कोई अवसर नहीं दिया है)। मैं अपने राज्य के प्रवेश द्वार की रक्षा करता हूँ। क्या तू मानता है कि लोग अपनी इच्छानुसार मेरे राज्य में प्रवेश कर सकते हैं? क्या तू मानता है कि मेरा राज्य किसी भी प्रकार के कबाड़ को स्वीकार कर लेगा? कि मेरा राज्य किसी भी प्रकार के कचरे को ले लेगा? तू ग़लत समझ रहा है! आज राज्य में जो लोग हैं ये वे लोग हैं जो मेरे साथ राजसी सामर्थ्य रखते हैं; मैंने उन्हें सावधानीपूर्वक विकसित किया है। यह कुछ ऐसी चीज़ नहीं है जो केवल चाहने मात्र से ही प्राप्त की जा सकती है—तुझे मेरे द्वारा अनुमोदित अवश्य होना चाहिए। और यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे दूसरों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है, बल्कि यह कुछ ऐसा है जिसे मैं स्वयं व्यवस्थित करता हूँ। जो भी मैं कहता हूँ, वह हो जाता है। मेरे रहस्य उन लोगों के सामने प्रकट किए जाते हैं जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ। जो लोग दुष्टता करते हैं, अर्थात् जिन्हें मैंने चुना नहीं है, वे उन्हें प्राप्त करने के अधिकारी नहीं हैं। भले ही वे उन्हें सुन लें, तब भी उनकी समझ में नहीं आएगा, क्योंकि शैतान ने उनकी आँखों को ढक दिया है और उनके हृदयों पर कब्ज़ा कर लिया है, उनके पूरे अस्तित्व को बर्बाद कर दिया है। ऐसा क्यों कहा जाता है कि मेरे कार्यकलाप अद्भुत और बुद्धिमत्तापूर्ण हैं, और यह कि मैं अपनी सेवा में सब कुछ संगठित करता हूँ? जिन लोगों को मैंने पूर्वनियत नहीं किया है और चुना नहीं है, मैं उन्हें दण्डित और भ्रष्ट होने के लिए शैतान को सौंप दूँगा। मैं कोई कार्यवाही नहीं करूँगा; यह मैं कितना बुद्धिमान हूँ! किसने कभी इस बारे में सोचा है? बिल्कुल भी किसी प्रयास के बिना, मेरा महान कार्य सम्पन्न किया गया है, है ना?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें