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2018-06-17

मार्ग... (7)

                                                        मार्ग... (7)

हम सबने अपने व्यावहारिक अनुभवों में यह देखा है कि कई बार परमेश्वर ने निजी तौर पर हमारे लिए एक राह खोली है, ताकि हम एक ऐसी राह पर चल पाएं जो अधिक दृढ़ और अधिक वास्तविक हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह राह वही है जिसे परमेश्वर ने हमारे लिए समय के प्रारंभ से खोली और हज़ारों सालों के बाद हमारी पीढ़ी तक पहुँचाई। इसलिए हम अपने पूर्वजों के काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो इस मार्ग पर अंत तक नहीं चले थे; वे हम लोग हैं जिन्हें इस सड़क के अंतिम भाग पर चलने के लिए परमेश्वर ने चुना है। इसका अर्थ है कि इस राह को विशेष रूप से हमारे लिए तैयार किया गया है, और चाहे हम आशीष प्राप्त करें या दुर्भाग्यों से पीड़ित हों, अन्य कोई भी इस मार्ग पर नहीं चल सकता है। मैं इस बारे में अपनी गहन ज्ञान जोड़ता हूं: किसी भी अन्य जगह पर भाग जाने की या किसी दूसरी राह को ढूंढने की, स्थिति की प्रतिक्षा करने की, या अपना स्वयं का राज्य स्थापित करने की कोई योजना नहीं बनाएँ; ये सभी भ्रम हैं। यदि तुम में इन वचनों के लिए कोई पूर्वाग्रह है, तो मैं तुम्हें सलाह देता हूं कि भ्रमित न हो। बेहतर होगा कि तुम इस बारे में सोचो, बहुत चालाक होने की कोशिश न करो या सही और गलत के बीच अंतर करने में विफल न हो। जब परमेश्वर की योजना पूरी हो जाएगी, तो तुम्हें पछतावा होगा। इसका मतलब यह है कि जब परमेश्वर का राज्य आएगा, तो वह धरती के राज्यों को टुकड़े-टुकड़े कर देगा, और उस समय तुम देखोगे कि तुम्हारी योजना भी ध्वस्त हो गई है और जिन लोगों की ताड़ना हुई है, उन्हें ही टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया है। उस समय परमेश्वर पूरी तरह से अपना स्वभाव प्रकट करेगा। क्योंकि मैं इस मामले के बारे में अच्छी तरह जानता हूँ, मैं समझता हूं कि मुझे इस बारे में तुम्हें बताना चाहिए ताकि भविष्य में तुम मेरे पास आकर शिकायत न करो। इस राह पर आज तक हम चल पाएं हैं क्योंकि यह परमेश्वर ने निर्धारित किया था, इसलिए ऐसा मत सोचना कि तुम कुछ ख़ास हो या तुम बदकिस्मत हो—कोई भी परमेश्वर के वर्तमान कार्य के बारे में दावा नहीं करेगा, नहीं तो तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। परमेश्वर के कार्य के माध्यम से मेरे पास प्रकाश आया है, और चाहे कुछ भी हो, परमेश्वर इस समूह के लोगों को पूर्ण करेगा और उसका कार्य कभी भी बदला नहीं जा सकता—वह इन लोगों को रास्ते के अंत तक लाने वाला है और पृथ्वी पर अपना काम पूरा करने वाला है। यह कुछ ऐसा है जिसे हम सबको समझना चाहिए। अधिकांश लोग निरंतर आगे देखने वाले और अतृप्त रहते हैं; उन सभी की परमेश्वर के वर्तमान चिंतित इरादों की समझ में कमी है, इसलिए उन सभी को भाग जाने के विचार आते हैं। वे हमेशा एक जंगली घोड़े की तरह अपनी लगाम फेंक कर जंगल में घूमने निकल जाना चाहते हैं, लेकिन यह दुर्लभ ही होता है कि ऐसे लोग हों जो कनान की अच्छी भूमि में बसकर मानव जीवन के मार्ग की तलाश करना चाहते हैं—जब वे दूध और शहद बहने वाली भूमि में प्रवेश करते हैं, तो क्या वे केवल इसका आनंद लेने के बारे में नहीं सोचेंगे? सच कहूं तो, कनान की अच्छी भूमि के बाहर हर जगह जंगल ही जंगल है। यहां तक कि जब लोग आराम के स्थान में प्रवेश करते हैं तो भी वे अपने कर्तव्य को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं; क्या वे वेश्या नहीं हैं? यदि तुमने इस माहौल में परमेश्वर द्वारा तुम्हें पूर्ण करने का अवसर गंवा दिया है, तो तुम्हें शेष दिनों में पश्चाताप होगा; तुम्हें अत्यंत पछतावा महसूस होगा। तुम मूसा की तरह हो जाओगे जो केवल कनान की भूमि को देखता रहता था और उसका आनंद नहीं ले पाया था, अपनी खाली मुट्ठी ज़ोर-से दबाता था और पछतावे से भरकर मृत्यु को प्राप्त हो गया था—क्या तुम्हें नहीं लगता है कि यह शर्मनाक है? क्या तुम्हें नहीं लगता कि दूसरों द्वारा स्वयं का मज़ाक उड़ाया जाना एक शर्मनाक बात है? क्या तुम तैयार हो कि दूसरे तुम्हें अपमानित करें? क्या तुम्हारे पास वह दिल नहीं जो अपने लिए अच्छा काम करने की कोशिश करे? क्या तुम नहीं चाहते कि तुम एक सम्माननीय और ईमानदार व्यक्ति बनो जिसे परमेश्वर ने पूर्ण किया है? क्या तुम वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति हो जिसमें संकल्प की कमी है? तुम दूसरी राहों पर चलने के लिए तैयार नहीं हो, लेकिन तुम उस मार्ग पर भी चलने के लिए तैयार नहीं हो जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे लिए निर्धारित किया है? क्या तुम स्वर्ग की इच्छा के विरुद्ध जाने की हिम्मत रखते हो? चाहे तुम्हारा कौशल जितना भी महान हो, क्या तुम वास्तव में स्वर्ग को अपमानित कर सकते हो? मेरा मानना है कि हमारे लिए यही अच्छा रहेगा कि हम खुद को अच्छी तरह से जानें—परमेश्वर के कुछ ही वचन स्वर्ग और पृथ्वी को बदल सकते हैं, तो परमेश्वर की नज़रों में तुम्हारे जैसा एक छोटा-सा व्यक्ति क्या है?