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2017-12-17

तेरह धर्मपत्रों के प्रति तुम क्या मनोभाव रखते हो


बाइबिल के नए विधान में पौलुस के तेरह धर्मपत्रों का समावेश है। ये सभी तेरह पत्र पौलुस द्वारा उन कलीसियाओं को लिखे गए थे जो यीशु मसीह में उसके कार्यावधि के दौरान विश्वास करते थे। अर्थात्, जब यीशु ने स्वर्ग में आरोहण कर लिया और उसे ऊपर उठा लिया गया उसके बाद उसने इन पत्रों को लिखा। उसके पत्र प्रभु यीशु के पुनर्जीवन और उसकी मृत्यु के बाद स्वर्ग में आरोहण की गवाही हैं, और लोगों के लिए पश्चाताप करने और सलीब को सहन करने के मार्ग का उपदेश दे रहे हैं। निस्संदेह, ये सभी तरीके और गवाहियाँ उस समय यहूदिया के विभिन्न स्थानों में भाइयों और बहनों को सिखाने के लिए थे, क्योंकि उस समय पौलुस प्रभु यीशु का सेवक था, और उसे प्रभु यीशु की गवाही देने के लिए उठाया गया था। पवित्र आत्मा के कार्य कीप्रत्येक अवधि के दौरान उसके भिन्न-भिन्न कार्य को करने के लिए, अर्थात, जिस कार्य को स्वयं परमेश्वर पूरा करता है उसे जारी रखने हेतु प्रेरितों का कार्य करने के लिए, भिन्न-भिन्न लोगों को उठाया जाता है। यदि सीधे पवित्रात्मा इसे करता और किसी भी व्यक्ति को उठाया नहीं गया होता, तो कार्य किया जाना कठिन होता। वैसे तो, पौलुस ऐसा बन गया जो दमिश्क की सड़कों पर गिराया गया और फिर उसे प्रभु यीशु की गवाही होने के लिए उठाया गया था। वह यीशु के बारह चेलों के इतर एक प्रेरित था। सुसमाचार को फैलाने के अलावा, उसने विभिन्न स्थानों पर कलिसियाओं का मार्गदर्शन करने का कार्य भी किया, जो कलीसिया के भाइयों और बहनों की देखरेख करना है, अर्थात्, भाइयों और बहनों की प्रभु में अगुआई करना है। उसकी गवाही प्रभु यीशु के पुनर्जीवन और स्वर्ग में आरोहण के तथ्य को ज्ञात करवाने के लिए, और लोगों को पश्चाताप करने और पापों को स्वीकार करने और सलीब के रास्ते पर चलना सिखाने के लिए है। वह उस समय यीशु मसीह के गवाहों में से एक था।