देहधारी परमेश्वर सबसे प्रिय है
परमेश्वर ने देह बनकर, इंसानों के बीच रहकर,
देखी उनकी बुराई, और हालात ज़िंदगी के।
देहधारी परमेश्वर ने महसूस कीं इंसान की मजबूरियां,
इंसान की दयनीयता, इंसान का दुख-दर्द।
देह में परमेश्वर अपने सहज-ज्ञान से, हो गये ज़्यादा दयालु
मानव की हालत के लिये, हो गये ज़्यादा चिंतित अपने भक्तों के लिये।
अपने भक्तों के लिये।
अपने भक्तों के लिये।
प्रभु जिनका प्रबंधन करना और जिनको बचाना चाहते हैं,
क्योंकि अपने दिल में वो, उनको बहुत चाहते हैं।
उनके लिये वो ही सबसे ऊपर हैं।
प्रभु ने बड़ी कीमत चुकाई है।
कपट भोगा है और चोट खाई है।
मगर हारते नहीं हैं परमेश्वर, काम करते हैं निरंतर,
ना कोई शिकवा, ना पछतावा कोई।
देह में परमेश्वर अपने सहज-ज्ञान से, हो गये ज़्यादा दयालु
मानव की हालत के लिये, हो गये ज़्यादा चिंतित अपने भक्तों के लिये।
अपने भक्तों के लिये।
अपने भक्तों के लिये।
"वचन देह में प्रकट होता है" से
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
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