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2019-04-30

परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं: परमेश्वर का भय और बुराई से दूर रहना और परमेश्वर को जानना अदृश्य तरीके से एक दूसरे से असंख्य धागों से जुड़ी रहती है और इनके मध्य यह सम्बन्ध स्पष्ट है।

परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है

तुम में से प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर में विश्वास करके नए सिरे से अपने जीवन की जांच करके यह देख सकता है कि क्या परमेश्वर को खोजते समय, तुम सच्चे रूप में समझ पाए हो, सच्चे रूप में पूर्णत: समझ गये हो, और सच्चे रूप में परमेश्वर को जाने हो, और यह कि तुम सच्चे रूप में जान गये हो कि, विभिन्न मनुष्यों के प्रति परमेश्वर का मनोभाव क्या है, और यह कि तुम वास्तव में यह समझ गये हो कि परमेश्वर तुम पर क्या कार्य कर रहा है और परमेश्वर कैसे उसके प्रत्येक कार्य को व्यक्त करता है। यह परमेश्वर जो तुम्हारी ओर है, तुम्हारे विकास को मार्गदर्शन दे रहा है, तुम्हारी नियति को बना रहा है और तुम्हारी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है - अंतिम विश्लेषण में तुम क्या सोचते और समझते हो और तुम वास्तव में कितना उसके बारे में जानते हो? क्या तुम जानते हो कि प्रत्येक दिन वह तुम्हारे लिए कौन से कार्य करता है?

2019-04-26

ख़ुशफ़हमी



Hindi Christian Skit | ख़ुशफ़हमी | Do You Know the Criteria for Entering the Kingdom of 

Heaven?


ली मिंगदाओ एक गृह-कलीसिया में प्रचारक है। वह बरसों से प्रभु में विश्वास रखता आ रहा है, और उसने हमेशा पौलुस की मिसाल का अनुसरण करते हुए प्रचार और कार्य किया है, कष्ट उठाए हैं और कीमत अदा की है। उसका मानना है, "अगर कोई मेहनत और कार्य करता है तो वह स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकता है, पुरस्कृत हो सकता है और मुकुट हासिल कर सकता है।" लेकिन अपने सहकर्मियों से मिलने पर, भाई झांग इस नज़रिये पर संदेह व्यक्त करता है। ली मिंगदाओ आश्वस्त नहीं होता और घर लौट आता है, और बाइबल को अच्छी तरह देख लेने के बाद, वह भाई झांग से गर्मागर्म बहस करता है...

2019-04-24

परमेश्वर ख़ामोशी से प्रबंध करता है हर एक का


Hindi Christian Song | परमेश्वर ख़ामोशी से प्रबंध करता है हर एक का | The Grace of God Is Great

परमेश्वर हर जगह, हर वक्त, हर इंसान की ज़रूरत पूरी करता है। किस तरह लोगों के ख़्याल, और दिल बदलते हैं, वह नज़र रखता है। उन्हें दिलासा देता है, जोश भरता है और राह दिखलाता है। जो उसे चाहता है, उसका अनुसरण करता है, परमेश्वर कोई कसर नहीं रखता, वो अपनी दुआएं बरसाता है। उन सभी को अनुग्रह देता है, उसकी दया का प्रवाह व्यापक है।

2019-04-22

अध्याय 57


क्या तुमने अपनी प्रत्येक सोच, विचार और कार्य की जांच की है? क्या तुम स्पष्ट हो कि इनमें से कौन-से मेरी इच्छा के अनुसार हैं और कौन नहीं हैं? तुम्हारे पास अंतर समझने की कोई क्षमता नहीं है! तुम मेरे पास क्यों नहीं आए हो? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं तुम्हें नहीं बताऊंगा, या यह किसी अन्य कारण से है? तुम्हें यह पता होना चाहिए!

2019-04-21

अध्याय 56

मैंने उन लोगों को सज़ा देने का कार्य शुरू कर दिया है जो बुराई करते हैं, जो शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जो परमेश्वर के पुत्रों पर अत्याचार करते हैं। अब से, जो भी अपने दिल में मेरा विरोध करता है, मेरे प्रशासनिक नियमों का हाथ हमेशा उसके ऊपर होगा। इसे जान लो! यह मेरे न्याय की शुरुआत है और किसी को भी कोई दया नहीं दिखाई जाएगी और कोई भी छोड़ा नहीं जाएगा, क्योंकि मैं भावावेश से रहित परमेश्वर हूँ जो धार्मिकता का पालन करता है; इसे पहचान लेना तुम सभी के लिए अच्छा होगा।

2019-04-19

वैसे सेवा करो जैसे कि इस्राएलियों ने की

आजकल कई लोग ध्यान नहीं देते हैं कि दूसरों के साथ समन्वय के दौरान क्या सबक सीखना चाहिए। मैंने पाया है कि तुम लोगों में से कई लोग, दूसरों के साथ समन्वय के दौरान सबक बिल्कुल भी नहीं सीख सकते हो। तुम लोगों में से अधिकांश अपने विचारों से चिपके रहते हैं, और कलीसिया में काम करते वक्त, तुम अपने विचार प्रकट करते हो और वो अपनी बात कहता है, एक का दूसरे के साथ कोई संबंध नहीं है, वास्तव में बिल्कुल भी सहयोग नहीं करते हो। तुम लोग केवल अपनी अंतर्दृष्टि को व्यक्त करने में लगे रहते हो, केवल अपने भीतर के "बोझ" को उतारने में डूबे रहते हो, जीवन की खोज बिल्कुल नहीं करते।

2019-04-18

अध्याय 55

सामान्य मानव जाति, जिसकी बात की जाती है, इतनी अलौकिक नहीं होती है जितनी कि लोग कल्पना करते हैं, लेकिन यह सभी लोगों, घटनाओं और चीज़ों के बंधनों को पार करने में सक्षम होती है, पर्यावरण की ताकतों को पार करने में सक्षम होती है, और यह किसी भी जगह और किसी भी पर्यावरण में मेरे करीब आ सकती है और मेरे साथ संवाद कर सकती है। तुम लोग हमेशा मेरे इरादों को गलत समझते हो। जब मैं तुमसे कहता हूँ कि तुम्हें एक सामान्य मानवता को जीना चाहिए, तुम सब आत्म-संयम का अभ्यास करते हो और अपने देह पर नियंत्रण करते हो।

2019-04-16

अध्याय 53


मैं शुरुआत हूं, और मैं अंत हूं। मैं ही पुनर्जीवित और पूर्ण सच्चा परमेश्वर हूं। मैं तुम लोगों के सामने अपने वचन बोलता हूं, और जो मैं कहता हूं तुम लोगों को उस पर दृढ़ता से विश्वास करना चाहिए। आकाश और धरती समाप्त हो सकते हैं, लेकिन जो भी मैं कहता हूं उसका एक अक्षर या एक रेखा भी कभी समाप्त नहीं होगी। यह याद रखना! यह याद रखना!

2019-04-15

अध्याय 52

मैं धार्मिकता के सूर्य के रूप में उभरता हूँ, तथा तुम सब और मैं मिलकर, सदा सर्वदा के लिए, महिमा और अच्छी आशीषों को साझा करते हैं! यह पूर्णतः एक सच्चाई है और तुम सभी पर पूरी होनी शुरू हो चुकी है। मैंने जो भी वादे किये हैं, उन्हें मैं तुम सभी के लिए पूरा करूँगा; मैं जो भी कहता हूँ वह सच है, और वह खाली नहीं जाएगा। ये अच्छी आशीषें तुम सभी के लिए हैं, कोई अन्य उनका दावा नहीं कर सकता; वे मेरे साथ समन्वय में की गई तुम सब की सेवा के फल हैं। अपनी धार्मिक अवधारणाओं को दूर कर दो; मेरे वचनों को सच मानो और संशयपूर्ण न बनो! मैं तुम सभी के साथ मज़ाक नहीं कर रहा हूँ, मैं जो कहता हूँ वही मेरा आशय है; जिन्हें मैं अपनी आशीषें देता हूँ वे उन्हें इसी तरह प्राप्त करते हैं; जिन्हें मैं आशीषें नहीं देता हूँ, वे उन्हें प्राप्त नहीं करते हैं; यह मेरे द्वारा निर्धारित किया जाता है। सांसारिक सौभाग्य क्या होता है?

2019-04-14

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (4)

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (4)

सिद्ध बनाए जाने का क्या अर्थ है? जीत लिए जाने का क्या अर्थ है? जीत लिए जाने के लिए एक व्यक्ति को किन मानदण्डों पर खरा उतरना अनिवार्य है? सिद्ध बनाए जाने के लिए एक व्यक्ति को किन मानदण्डों पर खरा उतरना अनिवार्य है? जीत लिया जाना और सिद्ध किया जाना दोनों मनुष्य में कार्य किए जाने के लिए हैं ताकि वह अपनी वास्तविक समानता में लौट सके और अपने भ्रष्ट शैतानी स्वभाव और शैतान के प्रभाव से स्वतन्त्र हो जाए। यह जीत लिया जाना मनुष्य में कार्य किए जाने की प्रक्रिया में सबसे पहले आता है, अर्थात यह कार्य का पहला कदम है। सिद्ध किया जाना दूसरा कदम या पूरा करने का कार्य है। प्रत्येक मनुष्य को जीत लिए जाने से हो कर गुजरना आवश्यक है; अन्यथा वह परमेश्वर को जानने के योग्य नहीं होगा और नहीं जानेगा कि एक परमेश्वर है, अर्थात, वह परमेश्वर को स्वीकार करने के योग्य नहीं होगा।

2019-04-12

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (3)

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (3)

विजयी कार्य द्वारा मुख्य रूप से यह परिणाम हासिल करने का प्रयास किया जाता है कि मनुष्य की देह को विद्रोह से रोका जाए, अर्थात मनुष्य का मस्तिष्क परमेश्वर की नई समझ हासिल करे, उसका दिल पूरी तरह से परमेश्वर की आज्ञा का पालन करे, और वह परमेश्वर का होने के लिए संकल्प करे। किसी व्यक्ति के स्वभाव या देह कैसे परिवर्तित होते हैं, वह यह निर्धारित नहीं करता कि उस पर विजय प्राप्त की गई है या नहीं। बल्कि, जब तुम्हारी सोच, तुम्हारी चेतना और तुम्हारी भावना बदलती है—अर्थात, जब तुम्हारी पूरी मनोवृत्ति में बदलाव होता है—तब परमेश्वर तुम पर विजय प्राप्त कर चुका होता है। जब तुम आज्ञा का पालन करने का संकल्प ले लेते हो और एक नई मानसिकता अपना लेते हो, जब तुम परमेश्वर के वचनों और कार्य के विषय में अपनी धारणाओं या इरादों को लाना बंद कर देते हो, और जब तुम्हारा मस्तिष्क सामान्य रूप से सोच सकता हो, यानी, जब तुम परमेश्वर के लिए तहेदिल से प्रयास करने में जुट सकते हो—तो इस प्रकार का व्यक्ति वह होता है जिस पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त की जा चुकी है। धर्म के दायरे में, बहुत से लोग सारा जीवन निरर्थकता से कष्ट भोगते हैं, अपने शरीर को नियंत्रित करते हुए या अपना बोझ उठाते हुए, यहाँ तक कि अपनी अंतिम सांस तक पीड़ा सहते हुए! कुछ लोग अपनी मृत्यु की सुबह में भी उपवास रखते हैं। वे अपने पूर्ण जीवन के दौरान स्वयं को अच्छे भोजन और अच्छे कपड़े से दूर रखते हैं, और केवल पीड़ा पर ज़ोर देते हैं।

2019-04-10

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (2)

विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (2)

पूर्वतः तुम लोग राजाओं की तरह राज करना चाहते थे, और आज अभी भी तुम लोगों को इससे पूर्णतः छुटकारा पाना बाकी है; तुम अभी भी राजाओं की तरह राज करना चाहते हो, स्वर्ग को सभांलना और पृथ्वी को सहारा देना चाहते हो। अब, जरा सोचो: क्या तुम ऐसी योग्यता रखते हो? क्या तुम बुद्धिहीन नहीं बने रहे हो? क्या तुम सब इसी यर्थाथवादिता की खोज में अपने ध्यान को समर्पित करते हो? तुम सब तो सामान्य मानवता भी नहीं रखते, क्या यह दुखदाई नहीं? इसलिये आज मैं केवल विजयी होने की, गवाही देने व अपनी क्षमता के विकास और पूर्ण बनाये जाने केपूर्ण मार्ग में प्रवेश करने की बात करता हूँ इसके अलावा अन्य कुछ भी नहीं कहता। कुछ लोग शुद्ध सत्य से थक जाते हैं और जब वे ये सब बातें सामान्य मानवता और लोगों की क्षमता के विकास के विषय देखते हैं, तो वे असंतुष्ट हो जाते हैं।

2019-04-09

अध्याय 30

जागो, भाइयो! जागो, बहनो! मेरे दिन में विलंब नहीं किया जाएगा; समय जीवन है, और समय को कब्जे में लेना जीवन बचाना है! समय बहुत दूर नहीं है! यदि तुम लोग विद्यालय में प्रवेश के लिए परीक्षा देते हो और उत्तीर्ण नहीं होते हो, तो तुम लोग फिर से कोशिश कर सकते हो और परीक्षा के लिए याद कर सकते हो।

2019-04-06

अध्याय 27





एक ही सच्चा परमेश्वर जो ब्रह्मांड में सभी चीजों को प्रशासित करता है—सर्वशक्तिमान मसीह! यह पवित्र आत्मा की गवाही है, यह अखंडनीय साक्ष्य है! पवित्र आत्मा हर जगह गवाही देने के लिए कार्य कर रहा है, ताकि किसी को भी कोई संदेह न हो।

2019-04-05

तुम लोग एक विषमता होने के इच्छुक क्यों नहीं हो?

जिन लोगों को जीता जाता है वे विषमताएँ हैं, और केवल सिद्धपूर्ण किए जाने के बाद ही वे अंत के दिनों के कार्य के आदर्श और नमूने हैं। पूर्ण किए जाने से पहले वे विषमताएँ, औजार, और साथ ही सेवा की वस्तुएँ हैं। जो लोग परमेश्वर द्वारा पूरी तरह से जीते जा चुके हैं वे उसकी प्रबंधन योजना के निश्चित रूप और साथ ही साथ आदर्श और नमूने हैं। लोगों के लिए बस ये कुछ विनम्र उपाधियाँ कई मनोरंजक कहानियाँ प्रदर्शित करती हैं।

2019-04-04

अभ्यास (8)


लोगों के बारे में काफी कुछ ऐसा है जो बहुत ही विकृत और ग़लत है, वे स्वयं को कभी भी संभाल नहीं पाते हैं, और इस प्रकार सही मार्ग पर प्रवेश करने में अभी भी उनका मार्गदर्शन करना आवश्यक है; दूसरे शब्दों में, वे अपने मानवीय जीवन और आध्यात्मिक जीवन को नियंत्रित करने के लिए, दोनों पहलुओं को अभ्यास में डालने के लिए सक्षम हैं, और उन्हें अक्सर समर्थित और निर्देशित होने की आवश्यकता नहीं है। तभी तो वे सही कद-काठी से संपन्न होंगे। इसका मतलब यह होगा कि, भविष्य में, जब कोई भी तुम्हारा मार्गदर्शन करने वाला न होगा, तब भी तुम स्वतः से अनुभव कर पाओगे।

2019-04-03

अध्याय 26

मेरे पुत्रों, मेरी बातों पर ध्यान दो, मेरी आवाज़ को चुपचाप सुनो और मैं तुम्हें प्रकाशित करूँगा। मेरे अभ्यंतर चुप रहो, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ, तुम लोगों का एकमात्र उद्धारक। तुम लोगों को हर समय अपने दिलों को शांत करना चाहिए, मेरे अभ्यंतर रहना चाहिए; मैं तुम्हारी चट्टान हूँ, तुम्हारा समर्थक।

2019-03-31

अभ्यास (7)

तुम लोगों की मानवता बहुत अभावग्रस्त है, तुम सभी की जीवनशैली बहुत निम्न और हीन है, तुम सब में कोई मानवता नहीं है, और तुम लोगों में अंतर्दृष्टि की कमी है। यही कारण है कि तुम सभी को मानवता की चीजों के साथ खुद को लैस करने की आवश्यकता है। जमीर, तर्क-संगतता और अंतर्दृष्टि रखना, चीजों को कैसे कहें और देखें इसका ज्ञान होना, स्वच्छता पर ध्यान देना, एक सामान्य मानव की तरह काम करना—ये सभी सामान्य मानवता के अनुभव हैं।

2018-11-28

परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखना

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं: परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखना, परमेश्वर के वचन में प्रवेश करने का एक महत्वपूर्ण क़दम है, और यह एक ऐसा पाठ है जो समय की मांग है।
परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखना, परमेश्वर के वचन में प्रवेश करने का एक महत्वपूर्ण क़दम है, और यह एक ऐसा पाठ है जो

समय की मांग है। परमेश्वर के समक्ष अपने आप को शांत रखने की प्रक्रिया में प्रवेश करने का तरीका यह है:
1. अपने मन को बाहरी चीज़ों से हटाले, परमेश्वर के समक्ष शांत रह और अपने आप को केंद्रित करके परमेश्वर से प्रार्थना कर।
2. परमेश्वर के समक्ष शांत रहकर परमेश्वर के वचनों को खा, पीऔर उनका आनंद ले।

2018-11-26

अध्याय 84

मेरे बारे में ज्ञान की कमी के कारण, मनुष्य ने अनगिनत बार मेरे प्रबंधन को बाधित किया है और मेरी योजनाओं को कमज़ोर बनाया है, लेकिन वे मेरे आगे बढ़ते हुए कदमों को रोक पाने में कभी भी समर्थ नहीं हुए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं बुद्धि का परमेश्वर हूँ। मेरे साथ असीम ज्ञान है; मेरे साथ असीम और अथाह रहस्य है।!