2019-04-21

अध्याय 56

मैंने उन लोगों को सज़ा देने का कार्य शुरू कर दिया है जो बुराई करते हैं, जो शक्ति का प्रयोग करते हैं, और जो परमेश्वर के पुत्रों पर अत्याचार करते हैं। अब से, जो भी अपने दिल में मेरा विरोध करता है, मेरे प्रशासनिक नियमों का हाथ हमेशा उसके ऊपर होगा। इसे जान लो! यह मेरे न्याय की शुरुआत है और किसी को भी कोई दया नहीं दिखाई जाएगी और कोई भी छोड़ा नहीं जाएगा, क्योंकि मैं भावावेश से रहित परमेश्वर हूँ जो धार्मिकता का पालन करता है; इसे पहचान लेना तुम सभी के लिए अच्छा होगा।
ऐसा नहीं है कि मैं उन लोगों को दंडित करना चाहता हूँ जो बुराई करते हैं, बल्कि यह उनकी खुद की बुराई से उन्हीं पर लाया गया प्रतिशोध है। मैं किसी को दंडित करने के लिए जल्दबाज़ी नहीं करता हूँ, न ही मैं किसी के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करता हूँ—मैं सभी के प्रति धार्मिकता का आचरण करता हूँ। मैं निश्चित रूप से अपने पुत्रों से प्रेम करता हूँ और मैं निश्चित रूप से उन दुष्टों से नफ़रत करता हूँ जो मेरी अवहेलना करते हैं; मेरे कार्यों के पीछे यह सिद्धांत है। तुम लोगों में से प्रत्येक को मेरे प्रशासनिक नियमों के बारे में अंतर्दृष्टि होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होगा, तो तुम लोगों को ज़रा भी भय न होगा और तुम सब मेरे सामने लापरवाह रहोगे, और तुम्हें पता नहीं होगा कि मैं क्या सिद्ध करना चाहता हूँ, मैं किसे पूर्ण करना चाहता हूँ, मैं क्या हासिल करना चाहता हूँ या किस तरह के व्यक्ति की मेरे राज्य को आवश्यकता है।
मेरे प्रशासनिक आदेश इस प्रकार हैं:
1. चाहे तुम कोई भी हो, यदि तुम अपने दिल में मेरा विरोध करते हो, तो तुम्हारा न्याय किया जाएगा।
2. जिन लोगों को मैंने चुना है, उन्हें किसी भी गलत विचार के लिए तुरंत अनुशासित किया जाएगा।
3. मैं उन लोगों को एक तरफ़ कर दूँगा जो मुझ पर विश्वास नहीं करते हैं। मैं उन्हें लापरवाही से बोलने और काम करने दूँगा और अंत में, मैं उन्हें पूरी तरह से दंडित करूँगा और उनसे निपटूंगा।
4. जो मुझ पर विश्वास करते हैं, मैं उनकी देखभाल करूँगा और हर समय उनकी रक्षा करूँगा। सदा के लिए मैं उद्धार के मार्ग का उपयोग करके उनके लिए जीवन की आपूर्ति करूँगा। इन लोगों के पास मेरा प्यार होगा और वे निश्चित रूप से न तो गिरेंगे, न ही अपनी राह से भटकेंगे। उनकी कोई भी कमज़ोरी अस्थायी होगी, और मैं निश्चित रूप से उसे याद नहीं रखूँगा।
5. वे लोग जो विश्वास करते हुए प्रतीत होते हैं लेकिन जो वास्तव में विश्वास नहीं करते हैं—अर्थात जो लोग विश्वास करते हैं कि एक परमेश्वर है, लेकिन जो मसीह की तलाश नहीं करते हैं, पर जो विरोध भी नहीं करते हैं—इस तरह के लोग सबसे दयनीय होते हैं, और अपने कार्यों के माध्यम से मैं उन्हें स्पष्ट रूप से दिखाऊंगा। अपने कार्यों के माध्यम से, मैं इस प्रकार के लोगों को बचाऊंगा और उन्हें वापस लाऊंगा।
6. परमेश्वर के ज्येष्ठ पुत्रों को, जो मेरे नाम को स्वीकार करने वाले पहले थे, आशीष मिलेगी! मैं निश्चित रूप से तुम सब को सबसे अच्छी आशीषें प्रदान करूँगा और तुम लोग जी भर कर आनंद लोगे; कोई भी इसमें बाधा डालने की हिम्मत नहीं करेगा। सब कुछ तुम्हारे लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है, क्योंकि यह मेरा प्रशासनिक आदेश है।
सभी पहलुओं में तुम लोगों को यह देखने में सक्षम होना चाहिए कि मेरा हाथ क्या करता है और मेरे दिल में क्या विचार हैं—क्या वे तुम सब की खातिर नहीं है? तुम लोगों में से कौन मेरे लिए है? क्या तुमने अपने दिलों के विचारों या तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों की जांच की है? क्या तुमने इन चीजों के प्रति एक अंतर्विवेकशील दृष्टिकोण बनाया है? बेवकूफ! लम्पट! पवित्र आत्मा के नियंत्रण को तुम स्वीकार नहीं करते हो! मैं अपनी आवाज़ को तुम्हारे भीतर बार बार जारी करता हूँ, लेकिन कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई है। अब और मंदबुद्धि मत बनो! तुम्हारा कर्तव्य मेरी इच्छा को समझना है और इससे भी बढ़कर वो पथ है जिसमें तुम्हें प्रवेश करना चाहिए। तुम उलझे हुए हो, तुम्हारे पास कोई अंतर्दृष्टि नहीं है, तुम स्पष्ट रूप से नहीं देखते हो कि मैं तुम में क्या पूरा करना चाहता हूँ, या मैं तुमसे क्या हासिल करना चाहता हूँ! मेरी इच्छा को समझने के लिए, तुम्हें सबसे पहले मेरे करीब आने और मेरे साथ अधिक सहभागिता करने से इसे शुरू करना होगा। तुम हमेशा कहते हो कि तुम मेरी इच्छा को समझने में असमर्थ हो; तुम पहले से अपनी ही चीज़ों से भरे हुए रहते हो, तो मैं तुम पर कैसे काम कर सकता हूँ? तुम मेरे सामने सक्रिय रूप से नहीं आते हो, बल्कि नकारात्मक रूप से प्रतीक्षा करते रहते हो। मैं कहता हूँ कि तुम एक कीड़े की तरह हो, फिर भी तुम अन्याय महसूस करते हो और तुम इसे स्वीकार नहीं करते हो। इस बार तुम्हें उठना चाहिए और मेरे साथ सहयोग करना चाहिए! नकारात्मक मत बनो! यह तुम्हारे जीवन को पीछे धकेल देगा। सक्रिय होना दूसरों को नहीं, खुद तुम्हें लाभ पहुँचाता है—क्या तुमने अभी भी इसे पहचाना और समझा नहीं है? मेरी इच्छा लगातार तुम में प्रकट होती है—क्या तुमने इसे नहीं जाना है? तुमने इसे कभी भी स्वीकार क्यों नहीं किया है? और क्यों तुम मेरी इच्छा को समझने में कभी भी सक्षम नहीं रहे हो? क्या मेरी इच्छा को समझने से तुम्हें कोई लाभ नहीं होता है?
मुझे उम्मीद है कि तुम सभी मामलों में मेरी इच्छा के प्रति विचारशील रह सकते हो ताकि मेरे पास जाने का एक मार्ग हो और आराम करने के लिए तुम में एक घर हो। अब मुझे और बाधित न करो, यह अत्यधिक क्रूर है! तुम्हें मेरे वचनों की कोई समझ नहीं है और तुम उनके प्रति कोई प्रतिक्रिया नहीं करते हो। देखो और पता करो कि क्या समय हुआ है—अब और इंतज़ार नहीं किया जा सकता है! यदि तुम सावधानी से मेरे कदमों का अनुसरण नहीं करते हो तो अब बहुत देर हो चुकी है, और इसे बचाने की सम्भावना तो उससे भी कम होगी!
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-मसीह के कथन-वचन देह में प्रकट होता है

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