Best Hindi Christian Song | भ्रष्ट मानवता की त्रासदी | God’s Revelation of Mankind in the Last Days
भ्रष्ट मानवता की त्रासदी।
युगों युगों से इंसान, परमेश्वर के संग चला है,
युगों युगों से इंसान, परमेश्वर के संग चला है,
तकदीर जीवों की, है अधिकार में परमेश्वर के,
मगर इंसान जानता नहीं,
भ्रष्ट मानवता की त्रासदी।
बस वजह इतनी-सी है, आत्मा और दिल, बहुत दूर हैं इंसान के परमेश्वर से।
वजह ये नहीं कि प्रभु के रास्ते ढूंढने मुश्किल हैं,
या उसकी योजना पूरी होनी अभी बाकी है,
पहल करता नहीं कोई कि ढूंढें कदमों-निशां उसके
अनुसरण तो करता है वो परमेश्वर का,
मगर शैतान का सेवक बना हुआ है।
भ्रष्ट मानवता की त्रासदी।
ये कभी वो सोचता नहीं है।
इस दुनिया और जीवन के नियमों के अनुरूप,
या उसके प्रकट होने को।
ना चाहत है किसी को, उसके आसरे जीएं।
सभी ने हाथ थामा है शैतान का, और बुराई का,
इंसान बन गया शैतान का आहार,
जिसका अनुसरण कर रही है पापी इंसानियत सारी।
भ्रष्ट मानवता की त्रासदी।
शैतान के कब्ज़े में हैं आत्मा और दिल इंसान के पूरी तरह।
भूल बैठा है नियम परमेश्वर के,
शैतान के रहने का ठिकाना और खेल का मैदान।
खो चुका पूरी तरह इंसान, अब इंसान बनने के उसूल।
भूल बैठा है कि उसके वजूद का मोल और लक्ष्य क्या है।
परमेश्वर के वचनों की ना उसको समझ है,
भूल बैठा दोनों में अनुबंध क्या है।
इंसान अब परमेश्वर की चिंता नहीं करता है।
भ्रष्ट मानवता की त्रासदी।
क्यों बनाया है उसे परमेश्वर ने, इंसान अब भूलता ये जा रहा है,
खो दिया इंसां ने अपनी जड़ों को।
ना उसे अहसास है, जो कुछ परमेश्वर का है।
परमेश्वर के नियम और आदेश अब वो नकारता है।
उसके दिल और आत्मा में, अब कोई अहसास बाकी नहीं है।
खो दिया परमेश्वर ने इंसान जो उसने बनाया,
"वचन देह में प्रकट होता है" से
है यही त्रासदी इंसान की।
है यही त्रासदी इंसान की।
है यही त्रासदी इंसान की।
है यही त्रासदी इंसान की।
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