लोग तो बस कल्पना ही नहीं कर सकते हैं कि किस सीमा तक मेरी गति तेज़ हो गई है: यह एक ऐसा चमत्कार हुआ है जो मनुष्य के लिए अथाह है। दुनिया के सृजन के बाद से, मेरी गति जारी रही है और मेरा कार्य कभी नहीं थमा है। समस्त ब्रह्मांडीय दुनिया दिन प्रतिदिन बदलती है, और लोग भी लगातार बदल रहे हैं।
ये सब मेरे कार्य हैं, सब मेरी योजनाएँ हैं, और इससे भी ज्यादा, यह मेरा ही प्रबंधन है—कोई भी व्यक्ति इन चीज़ों को जानता या समझता नहीं है। केवल जब मैं स्वयं तुम लोगों को बताता हूँ, केवल जब मैं तुम लोगों के साथ आमने-सामने संवाद करता हूँ, तब तुम लोगों को थोड़ा सा पता चलता है; अन्यथा, कोई भी मेरी प्रबंधन योजना की रूपरेखा को नहीं जानता है। ऐसी मेरी महान सामर्थ्य है और उससे भी अधिक, ये मेरे अद्भुत कार्यकलाप हैं, जिन्हें कोई नहीं बदल सकता है। इसलिए, जो मैं आज कहता हूँ, वह अवश्य होगा, और यह बस बदल नहीं सकता है। मानवीय अवधारणाओं में मेरे बारे में जरा सा भी ज्ञान नहीं है—वहाँ तो सब मूर्खतापूर्ण बकवास है! यह मत सोच कि तेरे पास पर्याप्त, या यह कि तू भरपूर है! मैं तुझे बताता हूँ, अभी भी तुझे बहुत दूर तक जाना है! मेरी प्रबंधन योजना में से तुम लोग केवल अंश मात्र ही जानते हो, इसलिए जो कुछ भी मैं कहता हूँ, तुम लोगों को उसे अवश्य सुनना चाहिए, और जो कुछ भी करने के लिए मैं तुम लोगों से कहता हूँ, वह करना चाहिए। हर चीज़ में मेरी इच्छा के अनुसार कार्य करो और तुम्हें निश्चित रूप से मेरा आशीष प्राप्त होगा; जो कोई भी विश्वास करता है वह प्राप्त कर सकता है, जबकि जो कोई भी विश्वास नहीं करता है, उसे, उसने जो कल्पना की थी कि उसमें पूर्ण हो जाए, उसमें से "कुछ नहीं" मिलेगा। यह मेरी धार्मिकता है, और, उससे भी बढ़कर, यह मेरा प्रताप, मेरा कोप और मेरी ताड़ना है—मैं किसी के भी मन या मस्तिष्क को नहीं छोड रहा हूँ, और न ही उनकी हरक़त को छोड रहा हूँ।
ये सब मेरे कार्य हैं, सब मेरी योजनाएँ हैं, और इससे भी ज्यादा, यह मेरा ही प्रबंधन है—कोई भी व्यक्ति इन चीज़ों को जानता या समझता नहीं है। केवल जब मैं स्वयं तुम लोगों को बताता हूँ, केवल जब मैं तुम लोगों के साथ आमने-सामने संवाद करता हूँ, तब तुम लोगों को थोड़ा सा पता चलता है; अन्यथा, कोई भी मेरी प्रबंधन योजना की रूपरेखा को नहीं जानता है। ऐसी मेरी महान सामर्थ्य है और उससे भी अधिक, ये मेरे अद्भुत कार्यकलाप हैं, जिन्हें कोई नहीं बदल सकता है। इसलिए, जो मैं आज कहता हूँ, वह अवश्य होगा, और यह बस बदल नहीं सकता है। मानवीय अवधारणाओं में मेरे बारे में जरा सा भी ज्ञान नहीं है—वहाँ तो सब मूर्खतापूर्ण बकवास है! यह मत सोच कि तेरे पास पर्याप्त, या यह कि तू भरपूर है! मैं तुझे बताता हूँ, अभी भी तुझे बहुत दूर तक जाना है! मेरी प्रबंधन योजना में से तुम लोग केवल अंश मात्र ही जानते हो, इसलिए जो कुछ भी मैं कहता हूँ, तुम लोगों को उसे अवश्य सुनना चाहिए, और जो कुछ भी करने के लिए मैं तुम लोगों से कहता हूँ, वह करना चाहिए। हर चीज़ में मेरी इच्छा के अनुसार कार्य करो और तुम्हें निश्चित रूप से मेरा आशीष प्राप्त होगा; जो कोई भी विश्वास करता है वह प्राप्त कर सकता है, जबकि जो कोई भी विश्वास नहीं करता है, उसे, उसने जो कल्पना की थी कि उसमें पूर्ण हो जाए, उसमें से "कुछ नहीं" मिलेगा। यह मेरी धार्मिकता है, और, उससे भी बढ़कर, यह मेरा प्रताप, मेरा कोप और मेरी ताड़ना है—मैं किसी के भी मन या मस्तिष्क को नहीं छोड रहा हूँ, और न ही उनकी हरक़त को छोड रहा हूँ।
मेरे वचनों को सुनकर ज्यादातर लोग डर जाते हैं और चिंता से नाक-भौं चढ़ाए हुए काँपते हैं। क्या मैंने तेरे साथ कुछ ग़लत किया है? क्या ऐसा हो सकता है कि तू बड़े लाल अजगर के बच्चों में से एक नहीं है? तू अच्छे होने का ढोंग कर रहा है! और मेरा ज्येष्ठ पुत्र होने का नाटक कर रहा है! क्या तुझे लगता है कि मैं अंधा हूँ? क्या तुझे लगता है कि मैं लोगों के बीच भेद नहीं कर सकता हूँ? मैं वह परमेश्वर हूँ जो लोगों के अंतर्तम हृदय को टटोलता है: यही मैं अपने पुत्रों को कहता हूँ और मैं तुम लोगों—बड़े लाल अजगर के बच्चों—को भी कहता हूँ। मैं, किसी भी त्रुटि के बिना सब कुछ स्पष्ट रूप से देखता हूँ। मैं वह कैसे नहीं जान सकता हूँ जो मैं करता हूँ? मैं इस बारे में स्फटिक की तरह स्पष्ट हूँ! मैं क्यों कहता हूँ कि मैं स्वयं परमेश्वर, ब्रह्मांड की सभी चीज़ों का सृजनकर्ता हूँ? मैं क्यों कहता हूँ कि मैं ही वह परमेश्वर हूँ जो लोगों के अंतर्तम हृदयों की जाँच करता है? मैं हर व्यक्ति की स्थिति के बारे में अच्छी तरह से जानता हूँ। क्या तुम लोगों को लगता है कि मुझे नहीं पता कि मुझे क्या करना या क्या कहना है? यह तुम्हारी चिंता नहीं है—सावधान रहो कि मेरे हाथ से न मारे जाओ; वर्ना तुम नुकसान भुगतोगे। मेरे प्रशासनिक आदेश क्षमाशील नहीं हैं। क्या तुम समझे? उपरोक्त समस्त मेरे प्रशासनिक आदेशों का हिस्सा है। जिस दिन मैं तुम लोगों को बताता हूँ उस दिन से शुरू करके, यदि अब आगे कोई उल्लंघन होते हैं, तो प्रतिफल मिलेगा, क्योंकि पहले तुम लोगों की समझ में नहीं आया था।
अब मैं तुम लोगों के लिए अपने प्रशासनिक आदेशों की घोषणा करता हूँ (घोषणा के दिन से प्रभावी होंगे, भिन्न-भिन्न लोगों को भिन्न-भिन्न ताड़नाएँ देंगे):
मैं अपने वादों को पूरा करता हूँ, और सब कुछ मेरे हाथों में है: जो कोई भी संदेह करेगा, वह निश्चित रूप से मारा जाएगा। किसी भी लिहाज के लिए कोई जगह नहीं है। वे, मेरे हृदय से नफ़रत को हटाते हुए, तुरंत पूर्णतया नष्ट कर दिए जाएँगे। (इससे यह पुष्टि होती है कि जो कोई भी मारा जाता है, वह अवश्य मेरे राज्य के सदस्यों में से एक नहीं होगा, और शैतान का वंशज होगा)।
ज्येष्ठ पुत्रों के रूप में तुम लोगों को अपनी खुद की स्थिति को बनाए रखना चाहिए और अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से करना चाहिए, और दखलंदाज व्यक्ति नहीं होना चाहिए। तुम लोगों को मेरी प्रबंधन योजना के लिए खुद को अर्पित कर देना चाहिए, हर जगह जहाँ भी तुम जाओ, तुम्हें मेरी अच्छी गवाही देनी चाहिए और मेरे नाम की महिमा करनी चाहिए। शर्मनाक चीज़ें मत करो, बल्कि मेरे सभी पुत्रों और लोगों के लिए एक उदाहरण बनो। एक पल के लिए भी असंयमित मत हो: सभी के सामने तुम्हें, कभी ख़ुशामदी न बनते हुए, बल्कि सिर उठाकर कदम बढ़ाते हुए, अवश्य हमेशा मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की पहचान के साथ दिखाई देना चाहिए। मैं तुम लोगों से मेरे नाम की महिमा करने के लिए कह रहा हूँ, मेरे नाम को अपमानित करने के लिए नहीं। जो लोग ज्येष्ठ पुत्र हैं, उनमें से प्रत्येक का अपना कार्य है, और वे सब कुछ नहीं कर सकते हैं। यही वह ज़िम्मेदारी है जो मैंने तुम लोगों को दी है, और जिससे जी नहीं चुराया जाए, और तुम लोगों को स्वयं को अवश्य अपने पूरे हृदय से, अपने पूरे मन से, और अपनी पूरी शक्ति से उस काम को पूरा करने के लिए समर्पित करना चाहिए, जो मैंने तुम्हें सौंपा है।
इसके बाद, समस्त ब्रह्मांडीय दुनिया में, मेरे सभी पुत्रों और मेरे सभी लोगों की चरवाही करने का कर्तव्य मैंने अपने ज्येष्ठ पुत्रों को सौंपा दिया है, और जो कोई भी अपने पूरे हृदय और पूरे मन से उसे पूरा नहीं कर सकता है, मैं उसे ताड़ना दूँगा। यह मेरी धार्मिकता है—मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को भी नहीं छोड़ूँगा या उनके साथ हल्के में नहीं चलूँगा।
यदि मेरे पुत्रों या मेरे लोगों में से कोई ऐसा व्यक्ति है जो मेरे ज्येष्ठ पुत्रों में से किसी एक का भी उपहास और अपमान करता है, तो मैं उसे कठोर दंड दूँगा क्योंकि मेरे ज्येष्ठ पुत्र स्वयं मेरा प्रतिनिधित्व करते हैं, और कोई व्यक्ति उनके साथ जो करता है, वह मेरे साथ भी करता है। यह मेरे प्रशासनिक आदेशों में से सबसे गंभीर आदेश है। मेरे पुत्रों और मेरे लोगों में से जो कोई भी इस आदेश का उल्लंघन करता है उसके विरुद्ध, अपनी इच्छाओं के अनुसार मेरी धार्मिकता को प्रशासित करने के लिए मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को बुलाता हूँ।
मैं धीरे-धीरे उस व्यक्ति का परित्याग कर देता हूँ जो छिछोरेपन से मेरा सम्मान करता है; केवल मेरे भोजन, कपड़े और नींद पर ध्यान केंद्रित करना; केवल मेरे बाह्य मामलों में भाग लेना और मेरी ज़िम्मेदारी पर विचार नहीं करना; और अपने स्वयं के कार्य को सही ढंग से पूरा करने पर ध्यान नहीं देना। यह उन सभी पर निर्देशित है जो सुन सकते हैं।
जो कोई भी मेरे लिए सेवा करने का काम समाप्त कर लेता है, उसे अवश्य आज्ञाकारी रहकर वापस हट जाना चाहिए और कोई शोर नहीं मचाना चाहिए। सावधान रह, अन्यथा मैं तुझसे निपटूँगा। (यह अतिरिक्त है)।
अब से मेरे ज्येष्ठ पुत्र लौह-दण्ड को उठाएँगे और सभी राष्ट्रों और लोगों पर शासन करने के लिए, सभी राष्ट्रों और लोगों की बीच चलने के लिए, और सभी राष्ट्रों और लोगों के बीच मेरे न्याय, मेरी धार्मिकता और मेरे प्रताप को कार्यान्वित करने के लिए, मेरे अधिकार को निष्पादित करना शुरू करेंगे। मेरे पुत्र और मेरे लोग मुझसे डरेंगे, बिना रुके मेरी स्तुति करेंगे, मेरी जयजयकार करेंगे, मेरी महिमा करेंगे क्योंकि मेरी प्रबंधन योजना पूरी हो गई है और मेरे ज्येष्ठ पुत्र मेरे साथ शासन कर सकते हैं।
यह मेरे प्रशासनिक आदेशों का एक हिस्सा है, और बाद में मैं तुम लोगों को काम की प्रगति के स्तर के अनुसार बताऊँगा। उपर्युक्त प्रशासनिक आदेशों से तुम लोग उस गति को देखोगे जिससे मैं अपना कार्य करता हूँ, और उस कदम को देखोगे जहाँ तक मेरा कार्य बढ़ चुका है। यही पुष्टिकरण है।
मैंने पहले ही शैतान का न्याय कर दिया है, क्योंकि मेरी इच्छा अबाधित है, और क्योंकि मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की मेरे साथ महिमा की गई है। और मैंने पहले ही दुनिया के प्रति और शैतान से संबंधित सभी चीज़ों के प्रति अपनी धार्मिकता और प्रताप का प्रयोग कर लिया है। मैं एक अँगुली तक नहीं उठाता हूँ, शैतान की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता हूँ (क्योंकि वह मुझसे बात करने के योग्य भी नहीं है)। मैं बस वह करता रहता हूँ, जो मैं करना चाहता हूँ। मेरा कार्य सुचारु रूप से कदम-दर-कदम आगे बढ़ता है, और मेरी इच्छा सारी धरती पर अबाधित है। इसने शैतान को स्तर तक शर्मिंदा कर दिया है और इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है, लेकिन इससे मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई है। मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को भी मेरे प्रशासनिक आदेशों को उन पर कार्यान्वित करने की अनुमति देता हूँ। एक ओर तो, मैं शैतान को जो देखने देता हूँ, वह मेरा कोप है; दूसरी ओर मैं इसे अपनी महिमा को देखने देता हूँ (यह देखने देता हूँ कि मेरे ज्येष्ठ पुत्र शैतान को दिए गए अपमान के ज़बरदस्त गवाह हैं)। मैं इसे व्यक्तिगत रूप से दंड नहीं देता हूँ, बल्कि अपने ज्येष्ठ पुत्रों को मेरी धार्मिकता और प्रताप को कार्यान्वित करने देता हूँ। चूँकि वह मेरे पुत्रों के साथ दुर्व्यवहार किया करता था, मेरे पुत्रों को प्रताड़ित किया करता था, और मेरे पुत्रों का दमन किया करता था, आज जब उसका काम पूरा हो गया है, तो मैं अपने पूर्ण विकसित ज्येष्ठ पुत्रों को इसके साथ निपटने देता हूँ। इस पतन के खिलाफ शैतान शक्तिहीन रहा है। दुनिया के सभी राष्ट्रों की गतिहीनता सबसे अच्छी गवाही है, लोगों का आपस में लड़ना और युद्धरत राष्ट्र शैतान के राज्य के ढहने की प्रकट अभिव्यक्तियाँ हैं। मेरे द्वारा पहले कोई चिह्न और अद्भुत काम नहीं दिखाया जाना शैतान को अपमानित करने और उत्तरोत्तर मेरे नाम की महिमा करने के लिए था। जब शैतान पूरी तरह खत्म हो जाता है तो मैं अपनी सामर्थ्य दिखाना शुरू करता हूँ: मैं जो भी कहता हूँ वह साकार हो जाता है, और वे अलौकिक चीज़ें जो मानवीय धारणाओं के अनुरूप नहीं हैं, पूरी हों जाएँगी (यह शीघ्र ही आने वाले आशीषों को संदर्भित करता है)। चूँकि मैं स्वयं जीवित परमेश्वर हूँ और मेरे कोई नियम नहीं हैं, और मैं अपनी प्रबंधन योजना में होने वाले बदलावों के अनुसार बोलता हूँ, इसलिए अतीत में मैंने जो कुछ भी कहा उसका वर्तमान में लागू होना ज़रूरी नहीं है। अपनी अवधारणाओं से चिपके मत रहो! मैं एक ऐसा परमेश्वर नहीं हूँ जो नियमों का पालन करता हो। मेरे साथ, हर चीज़ स्वतंत्र, ज्ञानातीत और पूरी तरह मुक्त है। शायद कल जो कहा गया था वह आज पुराना पड़ गया हो, या आज एक ओर कर दिया गया हो (लेकिन मेरे प्रशासनिक आदेश, जब से घोषित हुए हैं, कभी नहीं बदलेंगे)। ये मेरी प्रबंधन योजना के कदम हैं। नियमों से चिपके मत रहो। हर दिन नया प्रकाश होता है, नए प्रकाशन होते हैं, और यह मेरी योजना है। हर दिन मेरा प्रकाश तुझमें प्रकट होगा, और मेरी वाणी सारे ब्रह्मांड की दुनिया में जारी की जाएगी। समझा? यह तेरा कर्तव्य है, वह उत्तरदायित्व है जो मैंने तुझे सौंपा है। तुझे अवश्य एक पल के लिए भी इसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जिन लोगों को मैं स्वीकार करूँगा, उनका मैं अंत तक उपयोग करूँगा, और यह कभी नहीं बदलेगा। क्योंकि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ, मुझे पता है कि किस तरह के व्यक्ति को क्या कार्य करना चाहिए, और किस प्रकार का व्यक्ति क्या करने में सक्षम है। यह मेरी सर्वशक्तिमत्ता है।
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया--सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन
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