क्या मैंने तुम्हें याद नहीं दिलाया है? आशंकित मत हो; तुम सब इतने बेपरवाह हो कि तुम लोगों ने मेरी बात सुनी ही नहीं है! तुम मेरे दिल को कब समझ पाओगे? हर दिन एक नया प्रबोधन होता है, हर दिन नई रोशनी होती है। तुम लोगों ने कितनी बार इसे अपने लिए समझा है? क्या खुद मैंने तुम सभी को नहीं बताया है?
तुम अभी भी उन कीड़ों की तरह निष्क्रिय हो जो केवल छेड़े जाने पर ही खिसकेंगे, और तुम मेरे साथ सहयोग करने के लिए पहल करने में, मेरे बोझ के प्रति विचारशील होने में, असमर्थ हो। मैं तुम सभी की जीवंत और सुंदर मुस्कुराहट को, मेरे पुत्रों के सक्रिय और जीवंत तरीकों को, देखना चाहता हूँ लेकिन मैं नहीं देख पाता हूँ। इसके बजाय, तुम अपने दिमाग़ में कमज़ोर हो, अनाड़ी और मूर्ख हो। तुम सभी को खोज करने की पहल करनी चाहिए। निडरता से खोज करो! बस अपने दिलों को खोलो और मुझे अपने भीतर रहने दो। सावधान रहो और ध्यान दो! कलीसिया में कुछ लोग धोखेबाज़ हैं और तुम्हें हमेशा इन वचनों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि तुम्हारे जीवन प्रभावित न हों या कुछ नुकसान न हो जाए। आश्वस्त रहो, जब तक तुम मेरे लिए खड़े होने और बोलने का साहस रखते हो, तब तक मैं इन सबका भार उठा लूँगा और तुम्हें सशक्त बनाऊँगा!! जब तक तुम मेरे दिल को संतुष्ट करते हो, मैं हमेशा तुम्हें अपनी मुस्कुराहट और अपनी इच्छा को दिखाऊँगा। जब तक तुम्हारे पास एक मजबूत मनोबल है, और तुम एक मर्द बच्चे के स्वभाव को जीते हो, मैं तुम्हारा समर्थन करूँगा और तुम्हें एक महत्वपूर्ण स्थिति में रखूँगा। जब भी तुम मेरे सामने आते हो, तो बस मेरे करीब आओ। अगर तुम बात नहीं भी कर पाओ, तो डरो मत। जब तक तुम्हारे पास एक जिज्ञासु हृदय है, मैं तुम्हें वचन प्रदान करता रहूँगा। मुझे चिकने-चुपड़े शब्द या तुम्हारी चापलूसी की ज़रूरत नहीं है; मुझे इस तरह की चीज़ों से सबसे अधिक नफ़रत है। मैं इस प्रकार के व्यक्ति से सबसे अधिक अप्रसन्न होता हूँ। इस तरह के लोग मेरी आँखों में एक चुभते कण या मेरे देह में एक काँटे की तरह हैं, जिसे हटा दिया जाना चाहिए। अन्यथा मेरे पुत्र मेरे लिए शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते और वे एक घुटते नियंत्रण के अधीन हो जाएँगे। मैं क्यों आया हूँ? यह मेरे पुत्रों को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए है, ताकि दबाव, धमकी, बेदर्दी और दुर्व्यवहार सहने के उनके दिन हमेशा के लिए चले जाएँ!
तुम अभी भी उन कीड़ों की तरह निष्क्रिय हो जो केवल छेड़े जाने पर ही खिसकेंगे, और तुम मेरे साथ सहयोग करने के लिए पहल करने में, मेरे बोझ के प्रति विचारशील होने में, असमर्थ हो। मैं तुम सभी की जीवंत और सुंदर मुस्कुराहट को, मेरे पुत्रों के सक्रिय और जीवंत तरीकों को, देखना चाहता हूँ लेकिन मैं नहीं देख पाता हूँ। इसके बजाय, तुम अपने दिमाग़ में कमज़ोर हो, अनाड़ी और मूर्ख हो। तुम सभी को खोज करने की पहल करनी चाहिए। निडरता से खोज करो! बस अपने दिलों को खोलो और मुझे अपने भीतर रहने दो। सावधान रहो और ध्यान दो! कलीसिया में कुछ लोग धोखेबाज़ हैं और तुम्हें हमेशा इन वचनों पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि तुम्हारे जीवन प्रभावित न हों या कुछ नुकसान न हो जाए। आश्वस्त रहो, जब तक तुम मेरे लिए खड़े होने और बोलने का साहस रखते हो, तब तक मैं इन सबका भार उठा लूँगा और तुम्हें सशक्त बनाऊँगा!! जब तक तुम मेरे दिल को संतुष्ट करते हो, मैं हमेशा तुम्हें अपनी मुस्कुराहट और अपनी इच्छा को दिखाऊँगा। जब तक तुम्हारे पास एक मजबूत मनोबल है, और तुम एक मर्द बच्चे के स्वभाव को जीते हो, मैं तुम्हारा समर्थन करूँगा और तुम्हें एक महत्वपूर्ण स्थिति में रखूँगा। जब भी तुम मेरे सामने आते हो, तो बस मेरे करीब आओ। अगर तुम बात नहीं भी कर पाओ, तो डरो मत। जब तक तुम्हारे पास एक जिज्ञासु हृदय है, मैं तुम्हें वचन प्रदान करता रहूँगा। मुझे चिकने-चुपड़े शब्द या तुम्हारी चापलूसी की ज़रूरत नहीं है; मुझे इस तरह की चीज़ों से सबसे अधिक नफ़रत है। मैं इस प्रकार के व्यक्ति से सबसे अधिक अप्रसन्न होता हूँ। इस तरह के लोग मेरी आँखों में एक चुभते कण या मेरे देह में एक काँटे की तरह हैं, जिसे हटा दिया जाना चाहिए। अन्यथा मेरे पुत्र मेरे लिए शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते और वे एक घुटते नियंत्रण के अधीन हो जाएँगे। मैं क्यों आया हूँ? यह मेरे पुत्रों को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए है, ताकि दबाव, धमकी, बेदर्दी और दुर्व्यवहार सहने के उनके दिन हमेशा के लिए चले जाएँ!
साहसी बनो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ चलूँगा, तुम्हारे साथ रहूँगा, तुम्हारे साथ बात करूँगा और तुम्हारे साथ मिलकर कार्य करूँगा। डरो मत। बोलने में संकोच मत करो। तुम लोग हमेशा भावुक, भीरू और डरपोक रहते हो। जो लोग कलीसिया के निर्माण में किसी काम के नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। इसमें कलीसिया के वे लोग शामिल हैं जिनकी स्थितियाँ अच्छी नहीं हैं और जो मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं कर सकते हैं, इसमें तुम्हारे अविश्वासी माता-पिता भी शामिल हैं। मैं उन चीज़ों को नहीं चाहता हूँ। उन्हें हटा दिया जाना चाहिए, और उनमें से कोई भी बाक़ी नहीं रहना चाहिए। बस अपने हाथों और पैरों पर लगी बेड़ियों को हटा दो। जब तक तुम अपने इरादों की जाँच करते हो, और वे न तो लाभ और हानि, प्रसिद्धि और धन, और न ही व्यक्तिगत संबंधों से जुड़े हुए हैं, मैं तुम्हारे साथ चलूँगा, चीज़ों को बताता रहूँगा और तुम्हें हर समय स्पष्ट मार्गदर्शन दूँगा।
पुत्रों! मैं क्या कहूँ? हालांकि मैं इन बातों को कहता हूँ, तुम लोग अभी भी मेरे दिल के प्रति विचारशील नहीं हो और अभी भी बहुत भीरू हो। तुम किस बात से डरते हो? तुम अभी भी कानूनों और नियमों से क्यों बंधे हुए हो? मैंने तुम्हें मुक्त किया है, लेकिन तुम लोगों के पास अभी भी कोई स्वतंत्रता नहीं है। ऐसा क्यों है? मेरे साथ अधिक संवाद करो और मैं तुम्हें बता दूँगा। मेरी परीक्षा मत लो। मैं असली हूँ। मैं ढोंगी नहीं हूँ, और यह सब असली है! मैं जो भी कहता हूँ वह सच है, और मैं कभी भी अपनी बात से पीछे नहीं हटता हूँ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें