यह उन सभी भाइयों और बहनों के लिए है जिन्होंने मेरी आवाज़ सुनी है: तुम लोगों ने मेरे सख्त न्याय की आवाज़ सुनी है और तुमने चरम पीड़ा को सहन किया है। बहरहाल, तुम सभी को पता होना चाहिए कि मेरी कठोर आवाज़ के पीछे मेरे इरादे छिपे हुए हैं! मैं तुम सभी को अनुशासित करता हूँ ताकि तुम सब को बचाया जा सके।
तुम सब को पता होना चाहिए कि मेरे प्यारे पुत्रों की खातिर, मैं तुम सभी को अनुशासित करूँगा, तुम सभी की काट-छाँट करूँगा और तुम सब को जल्द ही पूर्ण कर दूँगा। मेरा दिल बहुत उत्सुक है, लेकिन तुम सब मेरे दिल को नहीं समझते हो और तुम मेरे वचन के अनुसार कार्य नहीं करते हो। मेरे वचन आज तुम सभी तक आते हैं और तुम लोगों को वास्तव में यह बताते हैं कि परमेश्वर एक प्रेमी परमेश्वर है और तुम सब ने परमेश्वर के नेक प्रेम का अनुभव किया है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ढोंग कर रहे हैं और जब वे अन्य लोगों के दुख को देखते हैं तो उनकी आँखों में भी आँसू होते हैं। ऐसे अन्य लोग हैं जो—सतह पर—परमेश्वर के ऋणी और पश्चातापी प्रतीत होते हैं, लेकिन भीतर से, वे वास्तव में परमेश्वर को नहीं समझते हैं और न ही वे उसके बारे में निश्चित हैं; बल्कि, यह सिर्फ एक दिखावा है। मेरा इरादा यह है कि मैं उन लोगों को चाहता हूँ जो उत्कंठा से मुझे चाहते हैं, और केवल उन्हें जो सच्चे दिल से मेरी खोज करते हैं, मुझे प्रसन्न कर सकते हैं—उन्हें मैं निश्चित रूप से अपने हाथों का सहारा दूँगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि उन्हें किसी भी आपदा का सामना न करना पड़े। जो लोग वास्तव में परमेश्वर को चाहते हैं वे परमेश्वर के दिल का ध्यान रखेंगे और मेरी इच्छा को पूरी करने के लिए तैयार होंगे। तो, तुम सभी को जल्द ही वास्तविकता में प्रवेश करना चाहिए और मेरे वचन को अपने जीवन के रूप में स्वीकार करना चाहिए—यह मेरा सबसे बड़ा दायित्व-भार है। यदि सभी कलीसियाएँ और संत वास्तविकता में प्रवेश करते हैं और वे सब मेरे साथ सीधे सहभागिता करने में सक्षम होते हैं, मेरे साथ आमने-सामने हो सकते हैं, और सत्य और धार्मिकता का अभ्यास कर सकते हैं, केवल तभी वे मेरे प्यारे पुत्र हैं, तभी वे वो लोग हैं जिनसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ, और उन को मैं सभी महान आशीर्वाद प्रदान करूँगा।
तुम सब को पता होना चाहिए कि मेरे प्यारे पुत्रों की खातिर, मैं तुम सभी को अनुशासित करूँगा, तुम सभी की काट-छाँट करूँगा और तुम सब को जल्द ही पूर्ण कर दूँगा। मेरा दिल बहुत उत्सुक है, लेकिन तुम सब मेरे दिल को नहीं समझते हो और तुम मेरे वचन के अनुसार कार्य नहीं करते हो। मेरे वचन आज तुम सभी तक आते हैं और तुम लोगों को वास्तव में यह बताते हैं कि परमेश्वर एक प्रेमी परमेश्वर है और तुम सब ने परमेश्वर के नेक प्रेम का अनुभव किया है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ढोंग कर रहे हैं और जब वे अन्य लोगों के दुख को देखते हैं तो उनकी आँखों में भी आँसू होते हैं। ऐसे अन्य लोग हैं जो—सतह पर—परमेश्वर के ऋणी और पश्चातापी प्रतीत होते हैं, लेकिन भीतर से, वे वास्तव में परमेश्वर को नहीं समझते हैं और न ही वे उसके बारे में निश्चित हैं; बल्कि, यह सिर्फ एक दिखावा है। मेरा इरादा यह है कि मैं उन लोगों को चाहता हूँ जो उत्कंठा से मुझे चाहते हैं, और केवल उन्हें जो सच्चे दिल से मेरी खोज करते हैं, मुझे प्रसन्न कर सकते हैं—उन्हें मैं निश्चित रूप से अपने हाथों का सहारा दूँगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि उन्हें किसी भी आपदा का सामना न करना पड़े। जो लोग वास्तव में परमेश्वर को चाहते हैं वे परमेश्वर के दिल का ध्यान रखेंगे और मेरी इच्छा को पूरी करने के लिए तैयार होंगे। तो, तुम सभी को जल्द ही वास्तविकता में प्रवेश करना चाहिए और मेरे वचन को अपने जीवन के रूप में स्वीकार करना चाहिए—यह मेरा सबसे बड़ा दायित्व-भार है। यदि सभी कलीसियाएँ और संत वास्तविकता में प्रवेश करते हैं और वे सब मेरे साथ सीधे सहभागिता करने में सक्षम होते हैं, मेरे साथ आमने-सामने हो सकते हैं, और सत्य और धार्मिकता का अभ्यास कर सकते हैं, केवल तभी वे मेरे प्यारे पुत्र हैं, तभी वे वो लोग हैं जिनसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ, और उन को मैं सभी महान आशीर्वाद प्रदान करूँगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें