मैंने ब्रह्मांड की दुनिया बनाई; मैंने पर्वतों, नदियों और सभी चीज़ों को बनाया; मैंने ब्रह्मांड के बिल्कुल अंतिम सिरों को आकार दिया; मैंने अपने पुत्रों और अपने लोगों की अगुआई की; मैंने सभी चीजों और पदार्थों पर शासन किया। अब, मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को वापस सिय्योन पर्वत पर ले जाऊँगा, जहाँ मैं रहता हूँ वहाँ लौटने के लिए, जो मेरे कार्य का अंतिम कदम होगा। मैंने जो कुछ भी किया है (सृजन से अब तक किया गया सब कुछ) मेरे कार्य के आज के चरण के लिए था, और इसके अलावा यह कल के शासन, कल के राज्य के लिए, और मेरे और मेरे ज्येष्ठ पुत्रों के अनन्त आनंद लेने के लिए है। सभी चीज़ों का सृजन करने में यही मेरा लक्ष्य रहा है और यह सृजन की मेरी अंतिम उपलब्धि होगी। मैं जो कहता हूँ और करता हूँ उसके पीछे उद्देश्य होता है; हर चीज़ की एक योजना होती है और यह बेतरतीबी से नहीं किया जाता है।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को सावधानी से सुनना
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- परमेश्वर के वचन के सस्वर पाठ (मंच संस्करण)
2020-05-24
2019-09-05
2019-08-31
अध्याय 113
मेरे द्वारा किए गए हर कार्य के भीतर मेरी बुद्धि समाविष्ट होती है, किन्तु मनुष्य इसकी बिल्कुल भी थाह नहीं पा सकता है; मनुष्य केवल मेरे कार्यकलापों और मेरे वचनों को देख सकता है, किन्तु मेरी महिमा, या मेरे व्यक्तित्व के प्रकटन को नहीं देख सकता है, क्योंकि मनुष्य में ये क्षमता है ही नहीं। इसलिए, मनुष्य के नहीं बदलने की परिस्थितियों में, मेरे ज्येष्ठ पुत्र और मैं सिय्योन लौट जायेंगे और रूप बदल लेंगे, ताकि मनुष्य मेरी बुद्धि और मेरी सर्वशक्तिमत्ता को देख सके। मेरी बुद्धि और मेरी सर्वशक्तिमत्ता जो मनुष्य अब देखता है वे मेरी महिमा का केवल एक छोटा सा अंश हैं, और उल्लेख करने योग्य बिल्कुल भी नहीं हैं। वहाँ से दिखायी गई, मेरी बुद्धि और मेरी महिमा अनंत और असीमित रूप से गहन हैं, और मनुष्य के मन के पास इसे विचारने या समझने काबस कोई तरीका नहीं है। राज्य का निर्माण करना मेरे ज्येष्ठ पुत्रों का कर्तव्य है, और यह मेरा भी कार्य है, अर्थात् यह मेरी प्रबंधन योजना की एक मद है। राज्य का निर्माण कलीसिया के निर्माण के समान नहीं है; क्योंकि मेरे ज्येष्ठ पुत्र और मैं मेरे व्यक्तित्व और राज्य हैं, तो जब मैं और मेरे ज्येष्ठ पुत्र सिय्योन पर्वत में प्रवेश करेंगे, तो राज्य का निर्माण प्राप्त किया जाएगा। दूसरे तरीके से कहें तो, राज्य का निर्माण कार्य का एक कदम है: आध्यात्मिक दुनिया में प्रवेश करने का कदम।
2019-08-28
Hindi Christian Song 2019 | "अंतिम दिनों का मसीह लाता है राज्य का युग"
2019-08-20
अध्याय 112
परमेश्वर का वचन-अध्याय 112
"वचन और वास्तविकता साथ-साथ आगे बढ़ते हैं" यह मेरे धार्मिक स्वभाव का हिस्सा है और, इन वचनों से, मैं निश्चित रूप से हर एक को मेरे समस्त स्वभाव को देखने दूँगा। लोगों को लगता है कि इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता है, किन्तु मेरे लिए यह आसान और सुखद है, और इसमें कोई प्रयास नहीं लगता है। जब मेरे वचन बाहर निकलते हैं तो वहाँ तुरंत एक वास्तविकता हो जाती है जिसे हर कोई देख सकता है। यह मेरा स्वभाव है। चूँकि मैं कुछ कहता हूँ, तो यह आवश्यक रूप से पूर्ण होता है, अन्यथा मैं नहीं बोलता। मानवीय धारणा में "उद्धार" शब्द सभी लोगों के लिए बोला जाता है, किन्तु यह मेरे इरादे से मेल नहीं खाता है। अतीत में मैंने कहा था, "मैं सदैव उन लोगों को बचाता हूँ जो अज्ञानी हैं और जो उत्साही जिज्ञासु हैं," जिसमें "बचाना" शब्द उन लोगों के बारे में बोला गया था जो मेरे लिए सेवा प्रदान करते हैं, और इसका मतलब था कि मैं इस तरह के सेवा करने वालों के साथ विशेष व्यवहार करूँगा
2019-08-12
Hindi Christian Song | राज्य गान (III) लोगों आनंद मनाओ! | Life in the Kingdom Is an Incomparable Joy
Hindi prayer song | राज्य गान (III) लोगों आनंद मनाओ! | Life in the Kingdom Is an Incomparable
Joy
इस खूबसूरत पल में, इस रोमांचक समय में,
ऊपर आकाश में और आकाश के नीचे सब स्तुति करते हैं।
इसके लिए कौन उल्लसित न होगा? इसके लिए कौन उल्लसित न होगा?
इसके लिए कौन आनंदित न होगा?
इस अवसर पर कौन खुशी के आँसू न बहाएगा?
2019-08-10
अध्याय 112
परमेश्वर का वचन-अध्याय 112
"वचन और वास्तविकता साथ-साथ आगे बढ़ते हैं" यह मेरे धार्मिक स्वभाव का हिस्सा है और, इन वचनों से, मैं निश्चित रूप से हर एक को मेरे समस्त स्वभाव को देखने दूँगा। लोगों को लगता है कि इसे प्राप्त नहीं किया जा सकता है, किन्तु मेरे लिए यह आसान और सुखद है, और इसमें कोई प्रयास नहीं लगता है। जब मेरे वचन बाहर निकलते हैं तो वहाँ तुरंत एक वास्तविकता हो जाती है जिसे हर कोई देख सकता है। यह मेरा स्वभाव है। चूँकि मैं कुछ कहता हूँ, तो यह आवश्यक रूप से पूर्ण होता है, अन्यथा मैं नहीं बोलता। मानवीय धारणा में "उद्धार" शब्द सभी लोगों के लिए बोला जाता है, किन्तु यह मेरे इरादे से मेल नहीं खाता है। अतीत में मैंने कहा था, "मैं सदैव उन लोगों को बचाता हूँ जो अज्ञानी हैं और जो उत्साही जिज्ञासु हैं," जिसमें "बचाना" शब्द उन लोगों के बारे में बोला गया था जो मेरे लिए सेवा प्रदान करते हैं, और इसका मतलब था कि मैं इस तरह के सेवा करने वालों के साथ विशेष व्यवहार करूँगा।
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