अपनी इच्छा को प्राप्त करने के लिए मैं विभिन्न लोगों का उपयोग करता हूँ: मेरे शाप उन लोगों पर साकार होते हैं जिन्हें मैं ताड़ना देता हूँ, और जिन लोगों को मैं प्यार करता हूँ, उन पर मेरे आशीष साकार होते हैं। अब किसे मेरे आशीष मिलते हैं और कौन मेरे शाप से पीड़ित होता है, यह मेरे एक वचन और मेरे कथन पर निर्भर करता है। तुझे पता होना चाहिए कि जिसके लिए भी मैं अच्छा हूँ, वह अब हमेशा निश्चित रूप से मेरे आशीषों को पाएगा (अर्थात् वे लोग जो धीरे-धीरे मुझे जानने लगते हैं, वे धीरे-धीरे मेरे बारे में अधिक आश्वस्त हो जाते हैं, जिनके पास नई रोशनी और प्रकाशन हैं, और जो हमेशा मेरे कार्य के साथ कदम मिलाकर चल सकते हैं)।
जिससे भी मैं घृणा करता हूँ (यह कुछ ऐसा है जो मेरे अन्दर है जिसे लोग बाहर से नहीं बता सकते हैं), यह वह व्यक्ति है जो निश्चित रूप से मेरे शापों को भुगतेगा, और यह ऐसा व्यक्ति है जो निस्संदेह बड़े लाल अजगर की संतानों में से हैं, इसलिए वह बड़े लाल अजगर को दिए गए मेरे शाप में सहभागी होगा। जिन लोगों को देखना भी मुझे बर्दाश्त नहीं है, जिनकी गुणवत्ता में मुझे कमी लगती है और जिन्हें मेरे द्वारा न तो सिद्ध किए जा सकता है न ही उपयोग किया जा सकता है, उनके पास अभी भी बचाए जाने का एक अवसर होगा और वे मेरे पुत्रों में से एक हो जाएँगे। अगर किसी व्यक्ति में मेरा कोई भी गुण नहीं है, वह आध्यात्मिक मामलों को नहीं समझ सकता है और मुझे नहीं जानता है, लेकिन उसके पास एक उत्साही हृदय है, तो वह मेरे लोगों के रूप में निर्दिष्ट किया जाएगा। जो लोग मेरे शापों में सहभागी बनते हैं उन्हें मैं बचाए जाने से परे मानता हूँ और ये वे लोग हैं जो दुष्ट आत्माओं के कब्ज़े में हैं। मैं उन्हें लात मार कर बाहर निकालने के लिए उत्सुक हूँ। उन्हें बड़े लाल अजगर द्वारा जन्म दिया गया है और मैं उनसे सबसे ज्यादा नफ़रत करता हूँ। अब से आगे मैं नहीं चाहता हूँ कि वे मुझे सेवा प्रदान करें—मैं बस उन्हें नहीं चाहता हूँ! मैं उनमें से किसी को भी नहीं चाहता हूँ! उनके रोने और दाँत भींचने का भी मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता है, मैं उनमें से किसी की ओर भी नहीं देखता हूँ, बल्कि उन्हें लात मार कर दूर कर देता हूँ—तू क्या चीज़ है? क्या तू मेरे सामने आने के लायक है? क्या तू योग्य है? अभी भी अच्छा व्यक्ति होने का और नम्र होने का ढोंग कर रहा है! असंख्य बुरी चीज़ें करने के बाद, क्या मैं तुझे छोड़ सकता हूँ? और मेरे सामने उठकर तू फिर से मेरा अनादर करना शुरू कर देता है। तेरा कभी भी कोई अच्छा इरादा नहीं रहा है और तू बस मेरे साथ चालाकी करना चाहता है! बड़े लाल अजगर का वंशज होकर क्या तू कभी भला हो सकता है? असंभव! तू पहले ही मेरे द्वारा शापित किया जा चुका है और मैं तेरा पूरी तरह से न्याय करता हूँ! पूरे मन से, ईमानदारी से और एक अनुशासित तरीके से मेरे लिए सेवा प्रदान कर, और फिर अपने अथाह गड्ढे में वापस लौट जा! तू मेरे राज्य में एक हिस्सा चाहता है? तू सपना देख रहा है! बेशर्म! गंदे और मलिन शरीर के साथ, तू इतना अधिक भ्रष्ट है, फिर भी तेरे पास अभी भी मेरे सामने खड़े होने का साहस है! हट जा! यदि तू अब और देर करता है तो मैं तुझे कठोरता से दंड दूँगा! जो मेरे सामने कुटिलता और धोखाधड़ी में संलग्न होते हैं, उन सब को उजागर अवश्य किया जाना चाहिए। तू कहाँ छिप सकता है? तुम खुद को कहाँ छिपा कर रख सकता है? चाहे दू कितना भी चकमा दे और कितना भी छिपना क्यों न चाहे, क्या तू मेरे नियंत्रण से बच सकता है? यदि तू मेरे लिए अच्छी तरह से सेवा प्रदान नहीं करता है, तो तेरा जीवन और भी छोटा हो जाएगा—तुझे तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा!
जिससे भी मैं घृणा करता हूँ (यह कुछ ऐसा है जो मेरे अन्दर है जिसे लोग बाहर से नहीं बता सकते हैं), यह वह व्यक्ति है जो निश्चित रूप से मेरे शापों को भुगतेगा, और यह ऐसा व्यक्ति है जो निस्संदेह बड़े लाल अजगर की संतानों में से हैं, इसलिए वह बड़े लाल अजगर को दिए गए मेरे शाप में सहभागी होगा। जिन लोगों को देखना भी मुझे बर्दाश्त नहीं है, जिनकी गुणवत्ता में मुझे कमी लगती है और जिन्हें मेरे द्वारा न तो सिद्ध किए जा सकता है न ही उपयोग किया जा सकता है, उनके पास अभी भी बचाए जाने का एक अवसर होगा और वे मेरे पुत्रों में से एक हो जाएँगे। अगर किसी व्यक्ति में मेरा कोई भी गुण नहीं है, वह आध्यात्मिक मामलों को नहीं समझ सकता है और मुझे नहीं जानता है, लेकिन उसके पास एक उत्साही हृदय है, तो वह मेरे लोगों के रूप में निर्दिष्ट किया जाएगा। जो लोग मेरे शापों में सहभागी बनते हैं उन्हें मैं बचाए जाने से परे मानता हूँ और ये वे लोग हैं जो दुष्ट आत्माओं के कब्ज़े में हैं। मैं उन्हें लात मार कर बाहर निकालने के लिए उत्सुक हूँ। उन्हें बड़े लाल अजगर द्वारा जन्म दिया गया है और मैं उनसे सबसे ज्यादा नफ़रत करता हूँ। अब से आगे मैं नहीं चाहता हूँ कि वे मुझे सेवा प्रदान करें—मैं बस उन्हें नहीं चाहता हूँ! मैं उनमें से किसी को भी नहीं चाहता हूँ! उनके रोने और दाँत भींचने का भी मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता है, मैं उनमें से किसी की ओर भी नहीं देखता हूँ, बल्कि उन्हें लात मार कर दूर कर देता हूँ—तू क्या चीज़ है? क्या तू मेरे सामने आने के लायक है? क्या तू योग्य है? अभी भी अच्छा व्यक्ति होने का और नम्र होने का ढोंग कर रहा है! असंख्य बुरी चीज़ें करने के बाद, क्या मैं तुझे छोड़ सकता हूँ? और मेरे सामने उठकर तू फिर से मेरा अनादर करना शुरू कर देता है। तेरा कभी भी कोई अच्छा इरादा नहीं रहा है और तू बस मेरे साथ चालाकी करना चाहता है! बड़े लाल अजगर का वंशज होकर क्या तू कभी भला हो सकता है? असंभव! तू पहले ही मेरे द्वारा शापित किया जा चुका है और मैं तेरा पूरी तरह से न्याय करता हूँ! पूरे मन से, ईमानदारी से और एक अनुशासित तरीके से मेरे लिए सेवा प्रदान कर, और फिर अपने अथाह गड्ढे में वापस लौट जा! तू मेरे राज्य में एक हिस्सा चाहता है? तू सपना देख रहा है! बेशर्म! गंदे और मलिन शरीर के साथ, तू इतना अधिक भ्रष्ट है, फिर भी तेरे पास अभी भी मेरे सामने खड़े होने का साहस है! हट जा! यदि तू अब और देर करता है तो मैं तुझे कठोरता से दंड दूँगा! जो मेरे सामने कुटिलता और धोखाधड़ी में संलग्न होते हैं, उन सब को उजागर अवश्य किया जाना चाहिए। तू कहाँ छिप सकता है? तुम खुद को कहाँ छिपा कर रख सकता है? चाहे दू कितना भी चकमा दे और कितना भी छिपना क्यों न चाहे, क्या तू मेरे नियंत्रण से बच सकता है? यदि तू मेरे लिए अच्छी तरह से सेवा प्रदान नहीं करता है, तो तेरा जीवन और भी छोटा हो जाएगा—तुझे तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा!
मैं तुम लोगों को स्पष्ट रूप से बताता हूँ कि किस तरह के लोग मेरे ज्येष्ठ पुत्र हैं और मैं तुम सभी को सटीक सत्यापन देता हूँ। यदि मैंने ऐसा नहीं किया, तो तुम लोग अपने उचित स्थान नहीं ले पाओगे और तुम लोग अपने आप विवेकहीनता से निर्णय ले लोगे कि तुम्हारे स्थान कौन से होने चाहिए। कुछ बहुत नम्र होंगे और कुछ बहुत अहंकारी होंगे, और जिनमें मेरा गुण नहीं है, या जिनकी गुणवत्ता बहुत ही कम है, वे सभी मेरे ज्येष्ठ पुत्र बनना चाहेंगे। जो मेरे ज्येष्ठ पुत्र हैं उनके द्वारा क्या अभिव्यक्तियाँ की जाती हैं? सबसे पहले, वे मेरी इच्छा को समझने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, मेरी इच्छा के प्रति विचारशील होते हैं और साथ ही पवित्र आत्मा उनके ऊपर काम कर रहा होता है; दूसरा, वे लगातार जीव में खोज करते रहते हैं, वे पथभ्रष्ट नहीं होते हैं, वे हर समय मेरी सीमाओं के भीतर रहते हैं, बेहद सामान्य होते हैं, और ये व्यवहार कोई नक़ल नहीं होते हैं (क्योंकि वे पवित्र आत्मा के कार्य को समझने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं और उनके लिए मेरे प्रेम के प्रति विचारशील होते है, इसलिए वे हर समय सतर्क रहते हैं और उन्हें ऐसा हृदय रखने में एक गहरा भय होता है जो मेरे साथ विश्वासघात करे, या मेरा अनादर करे); तीसरा, वे मेरे लिए पूरे दिल से कार्य करते हैं, वे अपने पूरे अस्तित्व को अर्पित करने में सक्षम हैं, और वे अपनी स्वये की भविष्य की संभावनाओं, अपने जीवन के बारे में, वे क्या खाते, पहनते, उपयोग करते हैं या कहाँ रहते हैं, इस बारे में किसी भी विचार को पहले ही हटा चुके हैं; चौथा, वे लगातार एक ऐसा हृदय रखते हैं जो धार्मिकता के लिए भूखा और प्यासा हो, उनका मानना है कि उनमें बहुत कमियाँ हैं और उनकी कद-काठी बहुत अपरिपक्व है; पाँचवाँ, ये वे लोग हैं जिनका मैंने पहले उल्लेख किया है, जिनके पास दुनिया में अच्छी प्रतिष्ठा है लेकिन उन्हें सांसारिक लोगों द्वारा अलग कर दिया गया है, और जिनमें विपरीत लिंग के साथ संबंधों में एक नैतिक पवित्रता है। ये सभी सत्यापन हैं, लेकिन अभी मैं उन्हें पूरी तरह से तुम लोगों के सामने प्रकट नहीं कर सकता हूँ क्योंकि मेरा काम अभी तक उस चरण तक नहीं पहुँचा है। ज्येष्ठ पुत्रो, याद रखो! तुम लोगों के भीतर जीवन की भावनाएँ, तुम्हारा मेरे प्रति आदर, मेरे लिए प्रेम, मेरे बारे में ज्ञान, मेरे लिए खोज, तुम लोगों का विश्वास—ये सभी चीज़ें तुम लोगों के लिए मेरा प्रेम है, और ये सभी ऐसे सत्यापन हैं जो मैं तुम लोगों को देता हूँ, ताकि तुम लोग वास्तव में मेरे प्यारे पुत्र बन सको और अद्वितीय महिमा में मेरे साथ भोजन कते हुए, मेरे साथ रहते हुए, और मेरे साथ आशीषों का आनंद लेते हुए ठीक मेरी ही तरह के हो सको।
मैं ऐसे किसी प्रति कोई उदारता नहीं दिखा सकता हूँ जिन्होंने मुझे उत्पीड़ित किया था, जिन्हें मेरे बारे में कोई ज्ञान नहीं था (मेरे नाम की गवाही दिए जाने से पहले के समय सहित), जो मुझे मनुष्य होना मानते थे, और साथ ही जिन्होंने अतीत में मेरे खिलाफ़ ईशनिन्दा की थी और मेरी बदनामी की थी। भले ही वे अभी मेरे लिए सबसे ज़बरदस्त गवाही देते हैं, फिर भी इससे काम नहीं चलेगा। अतीत में मुझे प्रताड़ित करना मेरे लिए सेवा प्रदान करना था और वे अभी भी मेरे उपकरण हैं, यदि वे आज मेरे लिए गवाही देते हैं। केवल वे लोग जिन्हें आज मेरे द्वारा सचमुच में सिद्ध किया जाता है, मेरे उपयोग के हैं, क्योंकि मैं स्वयं ही धार्मिक परमेश्वर हूँ, और मैं देह से बाहर आ गया हूँ और उन सभी रिश्तों से स्वयं को अलग कर चुका हूँ जो पार्थिव हैं। मैं स्वयं परमेश्वर हूँ और सभी लोग, सभी मामले और सभी चीज़ें जो अतीत में मेरे आसपास थीं, मेरे हाथों में हैं। मैं भावनाओं से रहित हूँ और मैं सभी चीज़ों के साथ धार्मिकता का अभ्यास करता हूँ। मैं न्यायी हूँ, ज़रा सी भी गन्दगी से दूषित नहीं हूँ। क्या तुम लोग मेरे वचनों के अर्थ को समझते हो? क्या तुम लोग भी इसे प्राप्त कर सकते हो? लोग सोचते हैं कि मेरे पास भी सामान्य मानवता है, एक परिवार है और भावनाएँ हैं, लेकिन क्या तुम लोग जानते हो कि तुम लोग पूरी तरह से ग़लत हो? मैं परमेश्वर हूँ! क्या तुम लोग इसे भूल गए हो? क्या तुम लोग भ्रांति में हो? तुम लोग अभी भी मुझे नहीं जानते हो!
मेरी धार्मिकता तुम लोगों के सामने पूरी तरह से प्रकट की जा चुकी है। किसी भी तरह के व्यक्ति के साथ मेरा किसी भी तरह से निपटना मेरी धार्मिकता और मेरे प्रताप को प्रकट करता है। चूँकि मैं स्वयं परमेश्वर हूँ जो अपने साथ कोप को लाता है, इसलिए मैं एक भी ऐसे व्यक्ति को छूटने नहीं दूँगा जिसने मुझे प्रताड़ित किया या धिक्कारा है। क्या तुम लोग इस तरह की कठोर अपेक्षाओं के तहत इसे स्पष्ट रूप से देखते हो? जिन्हें मैंने चुना और पूर्वनियत किया है वे दुर्लभ मोती या गोमेद की तरह हैं और वे बिरले ही हैं, क्योंकि जो राजाओं के रूप में शासन करेंगे, वे निश्चित रूप से उन लोगों की तुलना में अवश्य बहुत कम होने चाहिए जो मेरे लोग होंगे, और यह बात मेरी सामर्थ्य और मेरे अद्भुत कर्मों को प्रकट करती है। मैं अक्सर कहता हूँ कि मैं तुम लोगों को पुरस्कार दूँगा, तुम लोगों को ताज प्रदान करूँगा और मेरे भीतर की महिमा का कोई अंत नहीं है। पुरस्कार, ताज और महिमा से मेरा क्या तात्पर्य है? लोगों की धारणाओं में, पुरस्कार भौतिक चीजें हैं, जैसे कि भोजन, कपड़े या वे वस्तुएँ जिनका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से उनकी पुरानी सोच है; मेरा यह मतलब नहीं है, बल्कि यह एक त्रुटिपूर्ण समझ है। पुरस्कार वे चीज़ें हैं जो अभी प्राप्त की जाती हैं और वे अनुग्रह का एक हिस्सा हैं। लेकिन कुछ ऐसे पुरस्कार भी हैं जो दैहिक सुख से संबंधित हैं, और जो लोग मेरे लिए सेवा प्रदान करते हैं, लेकिन बचाए नहीं जाते हैं, वे भी कुछ भौतिक आनंद प्राप्त कर सकते हैं (यद्यपि वे फिर भी भौतिक चीज़ें ही हैं जो मेरे लिए सेवा प्रदान करती हैं)। ताज दफ्तर का एक बिल्ला नहीं है। अर्थात्, यह कोई भौतिक चीज़ नहीं है जो मैं तुम लोगों को तुम्हारे आनंद के लिए देता हूँ, बल्कि यह एक नया नाम है जो मैं तुम लोगों को प्रदान करता हूँ, और जो कोई भी अपने इस नए नाम के अनुरूप जी सकने में समर्थ होंगे, ये वे होंगे जिन्होंने ताज प्राप्त कर लिया होगा, जो मेरे आशीषों को प्राप्त करना है। पुरस्कार और ताज आशीषों के हिस्से हैं, लेकिन आशीषों की तुलना में, वे बहुत कम हैं, स्वर्ग और पृथ्वी के बीच के अंतर के समान हैं। महिमा की कल्पना लोगों की धारणाओं मात्र में नहीं की जा सकती है, क्योंकि महिमा कोई भौतिक चीज़ नहीं है, बल्कि कुछ ऐसी चीज़ है जिसकी वे चरम अमूर्तता में कल्पना करते हैं। तो महिमा वास्तव में क्या है? यह कहने का क्या अर्थ है कि तुम लोग मेरे साथ महिमा में उतरोगे? मेरी समग्रता, अर्थात्, जो मैं हूँ और जो कुछ मेरे पास है—दया और प्रेमपूर्ण दयालुता (मेरे पुत्रों के लिए), और धार्मिकता, प्रताप, न्याय, कोप, शाप देना और भस्म करना (सभी लोगों के लिए)—मेरा व्यक्तित्व महिमा है। मैं क्यों कहता हूँ कि मेरे साथ अंतहीन महिमा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे साथ अनंत बुद्धि और अतुल्य प्रचुरता है। इसलिए, मेरे साथ महिमा में उतरने का अर्थ है कि तुम लोगों को मेरे द्वारा पहले ही परिपूर्ण किया जा चुका है, मैं जो हूँ और मेरे पास जो भी है वह तुम्हारे पास है, तुम मेरे द्वारा पूर्ण किये जाते हो, तुम लोगों के पास मेरे लिए एक आदरपूर्ण ह्रदय है और तुम लोग मेरा विरोध नहीं करते हो; तुम्हें अब समझ जाना चाहिए, है ना?
सभी सांसारिक राष्ट्रों की तनाव की स्थिति चरम पर पहुँच गई है, और वे सभी मेरे लिए सेवा प्रदान करने और मेरे दहन को पाने के लिए लगातार तैयारी कर रहे हैं। जब मेरा कोप और दहन पहुँचेंगे तो इनकी पहले से कोई भनक नहीं लगेगी, फिर भी मुझे पता है कि मैं क्या करता हूँ और मैं इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट हूँ। तुम लोगों को मेरे वचनों के बारे में निश्चित हो जाना चाहिए और तुम्हें अवश्य सब कुछ तैयार करने के लिए शीघ्रता करनी चाहिए, और उन लोगों की चरवाही करने के लिए तैयार रहना चाहिए जो विदेश से खोज करते हुए आते हैं। यह याद रखना! चीन—अर्थात्, चीन के भीतर हर एक व्यक्ति और हर एक जगह—मेरे शाप से पीड़ित है; क्या तुम लोग मेरे वचनों के अर्थ को समझते हो?
Source From:सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया--सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन
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