मेरे वचनों में से, बहुत से लोगों को डराते हैं, बहुत से लोगों को ख़ौफ़ से कँपाते हैं; अभी भी बहुत से अन्य लोगों लोगों को पीड़ा भुगतवाते हैं और आशा से वंचित करवा देते हैं, और अभी भी बहुत से अन्य लोगों के विनाश का कारण बनते हैं। मेरे वचनों की समृद्धि की कोई भी स्पष्ट रूप से थाह नहीं पा सकता है या कोई भी उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं समझ सकता है। जब मैं तुम लोगों को अपने वचन कहता हूँ और उन्हें एक-एक वाक्य करके तुम लोगों के लिए प्रकट करता हूँ केवल तभी तुम लोग सामान्य स्थिति को जान पाते हो; विशिष्ट तथ्यों की सच्चाई, अभी भी तुम लोगों की समझ में नहीं आती हैं।
इसलिए, मैं अपने सभी वचनों को प्रकट करने के लिए तथ्यों का उपयोग करूँगा, जिससे तुम लोगों को अधिक समझ में आ सके। मेरे भाषण की विधि से देखा जाए तो, मैं न केवल अपने वचनों से बोल रहा हूँ, बल्कि इससे भी अधिक अपने वचनों के साथ कार्य कर रहा हूँ; वचनों और निष्पादनों का एक साथ घटित होने का केवल यही सही अर्थ है। क्योंकि मेरे साथ सब कुछ मुफ़्त में है, और सब कुछ जारी किया जाता है, और इस बुनियाद पर, जो कुछ भी मैं करता हूँ वह बुद्धिमत्ता से भर जाता है। मैं लापरवाही से नहीं बोलता हूँ, और मैं लापरवाही से कार्य भी नहीं करता हूँ। (चाहे मानवता में हो या दिव्यता में, मैं बुद्धि के साथ बोलता और कार्य करता हूँ, क्योंकि मेरी मानवता मेरा स्वयं का एक अविभाज्य हिस्सा है)। फिर भी जब मैं बोलता हूँ, तो कोई भी मेरे भाषण के स्वर पर ध्यान नहीं देता है; जब मैं कार्य करता हूँ, तो कोई भी मेरे कार्य की पद्धति पर ध्यान नहीं देता है। यह मनुष्य की कमी है। मैं सभी मनुष्यों पर अपने पराक्रम को प्रकट करूँगा, न केवल अपने ज्येष्ठ पुत्रों पर, बल्कि इससे भी अधिक मैं अपने पराक्रम को सभी राष्ट्रों और सभी लोगों के भीतर प्रकट करूँगा; शैतान को शर्मिंदा करने के लिए केवल यही शक्तिशाली गवाही है। मैं मूर्खता से कार्य नहीं करता हूँ; बहुत से लोग सोचते हैं कि ज्येष्ठ पुत्रों की गवाही देना मेरी एक ग़लती है, वे कहते हैं कि मुझ से बाहर अन्य परमेश्वर हैं, कि मैं मूर्खतापूर्ण ढंग से कार्य करता हूँ, कि मैं खुद को अपमानित करता हूँ; उससे मनुष्य की भ्रष्टता और भी अधिक उजागर हो जाती है। क्या ऐसा हो सकता है कि ज्येष्ठ पुत्रों की गवाही देना मेरी ग़लती है? तुम लोग कहते हो कि मैं ग़लत हूँ, क्या तुम लोग गवाही दे सकते हो? यदि यह मेरे द्वारा उत्थान, मेरी गवाही के लिए नहीं होता, तो तुम लोग अभी भी मेरे पुत्रों को अपने नीचे कुचल देते, अभी भी उनके साथ उदासीन उपेक्षा से व्यवहार करते, अभी भी उनके साथ अपने सेवकों के रूप में व्यवहार करते। जानवरों का यह झुंड! मैं एक-एक करके तुम्हें ठीक करूँगा! किसी को भी जाने नहीं दिया जाएगा! मुझे बताओ, सामान्य मानवता वाले किसी व्यक्ति के साथ असंगत, ये चीजें क्या हैं? बिना किसी संदेह के ये जानवर हैं! मैं बस उन्हें खड़ा नहीं कर सकता। यदि मैंने तुम लोगों की गवाही की प्रतीक्षा की होती, तो मेरा कार्य में पहले ही विलंब हो चुका होता! जानवरों का यह झुंड! तुझमें बस केवल मानवता बिल्कुल भी नहीं है! मुझे आवश्यकता नहीं है कि तू मेरी सेवा करे! यहाँ से तुरंत निकल जा! तूने इतने लंबे समय तक मेरे पुत्रों को धमकाया है; मैं तुझे कुचल कर भुर्ता बना दूँगा! तू बस फिर से लंपट होने का साहस करता है, तू बस मुझे फिर से शर्मिंदा करने का साहस करता है! मैंने अपना महान कार्य पहले से ही सम्पन्न कर लिया है, और यह जनवरों के इस झुंड को दूर करने का समय है!
इसलिए, मैं अपने सभी वचनों को प्रकट करने के लिए तथ्यों का उपयोग करूँगा, जिससे तुम लोगों को अधिक समझ में आ सके। मेरे भाषण की विधि से देखा जाए तो, मैं न केवल अपने वचनों से बोल रहा हूँ, बल्कि इससे भी अधिक अपने वचनों के साथ कार्य कर रहा हूँ; वचनों और निष्पादनों का एक साथ घटित होने का केवल यही सही अर्थ है। क्योंकि मेरे साथ सब कुछ मुफ़्त में है, और सब कुछ जारी किया जाता है, और इस बुनियाद पर, जो कुछ भी मैं करता हूँ वह बुद्धिमत्ता से भर जाता है। मैं लापरवाही से नहीं बोलता हूँ, और मैं लापरवाही से कार्य भी नहीं करता हूँ। (चाहे मानवता में हो या दिव्यता में, मैं बुद्धि के साथ बोलता और कार्य करता हूँ, क्योंकि मेरी मानवता मेरा स्वयं का एक अविभाज्य हिस्सा है)। फिर भी जब मैं बोलता हूँ, तो कोई भी मेरे भाषण के स्वर पर ध्यान नहीं देता है; जब मैं कार्य करता हूँ, तो कोई भी मेरे कार्य की पद्धति पर ध्यान नहीं देता है। यह मनुष्य की कमी है। मैं सभी मनुष्यों पर अपने पराक्रम को प्रकट करूँगा, न केवल अपने ज्येष्ठ पुत्रों पर, बल्कि इससे भी अधिक मैं अपने पराक्रम को सभी राष्ट्रों और सभी लोगों के भीतर प्रकट करूँगा; शैतान को शर्मिंदा करने के लिए केवल यही शक्तिशाली गवाही है। मैं मूर्खता से कार्य नहीं करता हूँ; बहुत से लोग सोचते हैं कि ज्येष्ठ पुत्रों की गवाही देना मेरी एक ग़लती है, वे कहते हैं कि मुझ से बाहर अन्य परमेश्वर हैं, कि मैं मूर्खतापूर्ण ढंग से कार्य करता हूँ, कि मैं खुद को अपमानित करता हूँ; उससे मनुष्य की भ्रष्टता और भी अधिक उजागर हो जाती है। क्या ऐसा हो सकता है कि ज्येष्ठ पुत्रों की गवाही देना मेरी ग़लती है? तुम लोग कहते हो कि मैं ग़लत हूँ, क्या तुम लोग गवाही दे सकते हो? यदि यह मेरे द्वारा उत्थान, मेरी गवाही के लिए नहीं होता, तो तुम लोग अभी भी मेरे पुत्रों को अपने नीचे कुचल देते, अभी भी उनके साथ उदासीन उपेक्षा से व्यवहार करते, अभी भी उनके साथ अपने सेवकों के रूप में व्यवहार करते। जानवरों का यह झुंड! मैं एक-एक करके तुम्हें ठीक करूँगा! किसी को भी जाने नहीं दिया जाएगा! मुझे बताओ, सामान्य मानवता वाले किसी व्यक्ति के साथ असंगत, ये चीजें क्या हैं? बिना किसी संदेह के ये जानवर हैं! मैं बस उन्हें खड़ा नहीं कर सकता। यदि मैंने तुम लोगों की गवाही की प्रतीक्षा की होती, तो मेरा कार्य में पहले ही विलंब हो चुका होता! जानवरों का यह झुंड! तुझमें बस केवल मानवता बिल्कुल भी नहीं है! मुझे आवश्यकता नहीं है कि तू मेरी सेवा करे! यहाँ से तुरंत निकल जा! तूने इतने लंबे समय तक मेरे पुत्रों को धमकाया है; मैं तुझे कुचल कर भुर्ता बना दूँगा! तू बस फिर से लंपट होने का साहस करता है, तू बस मुझे फिर से शर्मिंदा करने का साहस करता है! मैंने अपना महान कार्य पहले से ही सम्पन्न कर लिया है, और यह जनवरों के इस झुंड को दूर करने का समय है!
सब मेरे हाथों में सम्पन्न होता है (उनके लिए जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ), और सब मेरे हाथों में ही नष्ट भी होता है (उन जानवरों के लिए जिन्हें मैं नफ़रत करता हूँ, उन लोगों, मामलों और चीज़ों के लिए जिन्हें मैं घृणा करता हूँ)। मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को वह सब देखने देता हूँ जो मैं करना चाहता हूँ, उसे अच्छी तरह से समझने देता हूँ, उससे वह सब देखने देता हूँ जो मैंने सिय्योन से बाहर आने के बाद किया है। उसके बाद, हम सिय्योन पर्वत में साथ-साथ प्रवेश करेंगे, युगों से पहले के अपने अस्तित्व के स्थान में प्रवेश करेंगे, और अपने जीवन को नये सिरे से जीएँगे। तब से, दुनिया और जानवरों के इस झुंड के साथ पुनः कोई संपर्क नहीं होगा, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता होगी, सभी निर्विघ्न और बिना व्यवधान के होंगे। मेरे ज्येष्ठ पुत्रों में से किसी का भी विरोध करने का साहस कौन करता है? मेरे ज्येष्ठ पुत्रों का पुनः विरोध करने का साहस कौन करता है? मैं उसे हल्के में नहीं छोड़ूँगा! तूने अतीत में जैसे भी मेरा सम्मान किया है, आज तुझे उसी तरह से मेरे ज्येष्ठ पुत्रों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। मेरे सामने एक तरह का, और मेरे पीछे दूसरी तरह का मत बन; मैं हर एक को क्रिस्टल के समान स्पष्टता के साथ देखता हूँ कि वह कैसा है। मेरे ज्येष्ठ पुत्रों के प्रति वफादार न होना मेरे साथ संतानोचित नहीं होना है, जो कि एक स्पष्ट तथ्य है, क्योंकि हम एक शरीर के हैं। यदि कोई मेरे लिए अच्छे हैं किन्तु मेरे ज्येष्ठ पुत्रों के प्रति अलग दृष्टिकोण रखते हैं, तो वे बिना संदेह के बड़े लाल अजगर के एक विशिष्ट वंशज के हैं, क्योंकि वे मसीह के शरीर को तोड़ते हैं; इस पाप को कभी क्षमा नहीं किया जा सकता है! तुम लोगों में से प्रत्येक को यह अवश्य समझना चाहिए। मेरी गवाही देना तुम लोगों का कर्तव्य है, और इससे भी अधिक ज्येष्ठ पुत्रों की गवाही देना तुम लोगों का दायित्व है। तुम लोगों में से कोई भी अपने उत्तरदायित्व से जी नहीं चुराएगा; जो कोई भी बाधा डालेगा, मैं उसे तुरंत बाहर निकाल दूँगा! यह मत समझ कि तू अति उत्कृष्ट है। मैं तुझे बता रहा हूँ! जितना अधिक तू इस तरह का होता है, उतना ही अधिक तू मेरी कठोर सजा का लक्ष्य होता है! जितना अधिक तू इस तरह का होता है, उतना ही अधिक आशाहीन तू होता है और उतना ही अधिक तू तबाही का एक पुत्र होता है, और मैं तुझे सदैव के लिए दंडित करूँगा!
मेरा समस्त कार्य मेरे आत्मा द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाता है, और मैं किसी भी प्रकार के शैतान को हस्तक्षेप नहीं करने देता हूँ, ताकि मेरी योजनाओं के अस्तव्यस्त होने से बचा जाए। अंत में, मैं वयस्कों और बच्चों दोनों को उठने और मेरी और मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की प्रशंसा करने दूँगा, मेरे अद्भुत कर्मों की प्रशंसा करने दूँगा, और मेरे व्यक्तित्व की उपस्थिति की प्रशंसा करने दूँगा। मैं स्तुति की आवाज़ को, पर्वतों, नदियों और सभी चीज़ों को कँपाते हुए, ब्रह्मांड के छोर तक गूँजने दूँगा, और मैं शैतान को पूरी तरह से अपमानित करूँगा; मैं समस्त गंदी और अधम पुरानी दुनिया को नष्ट करने और एक पवित्र और निर्मल नई दुनिया बनाने के लिए अपनी गवाही का उपयोग करूँगा। (ऐसा कहने के द्वारा कि सूर्य, चंद्रमा, सितारे और खगोलीय पिंड भविष्य में नहीं बदलेंगे, मेरा अर्थ यह नहीं है कि पुरानी दुनिया अभी भी विद्यमान है, बल्कि इसके बजाय यह कि पूरी दुनिया नष्ट हो जाएगी और पुरानी दुनिया बदल दी जाएगी। मैं ब्रह्मांड को प्रतिस्थापित नहीं करूँगा)। केवल तभी यह मेरी इच्छा के साथ मेल खाने वाली दुनिया होगी; इसके भीतर आज की तरह के दमन, शोषण की घटना नहीं होगी, और यह देह के भीतर पूरी तरह से निष्पक्षता और तर्कसंगतता होगी। (यद्यपि मैं कहता हूँ कि यह निष्पक्ष और तर्कसंगत होगा, फिर भी यह देह के भीतर होगा; मेरे राज्य से तुलना किए जाने पर, यह बहुत भिन्न होगा, स्वर्ग और पृथ्वी के जैसा भिन्न होगा; तुलना करने का बस कोई तरीका नहीं है—अंततः मानवीय दुनिया मानवीय दुनिया है, आध्यात्मिक दुनिया आध्यात्मिक दुनिया है)। उस समय, मैं और मेरे ज्येष्ठ पुत्र इस तरह की दुनिया पर अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करेंगे (इस दुनिया में शैतान से कोई विघ्न नहीं होगा, क्योंकि शैतान को मेरे द्वारा पूरी तरह से दूर कर दिया गया होगा), किन्तु हमारे जीवन अभी भी राज्य के जीवन होंगे, और इससे कोई भी इन्कार नहीं कर सकता है। युगों भर में, मनुष्य (चाहे वह कितना ही वफादार क्यों न हो) ने कभी भी इस तरह के जीवन का अनुभव नहीं किया है, क्योंकि युगों भर में मेरे ज्येष्ठ पुत्र के रूप में कार्य करने के लिए एक भी नहीं हुआ है, और वे तब भी बाद में मेरे लिए सेवा प्रदान करेंगे। यद्यपि ये सेवा करने वाले वफादार हैं, वे अंततः शैतान के ही वंशज हैं जिसे मेरे द्वारा जीत लिया गया है, इसलिए देह की मृत्यु के बाद वे अभी भी मेरी सेवा करने के लिए मानवीय दुनिया में पैदा होते हैं; यही "पुत्र अंततः पुत्र हैं, और सेवा करने वाले अंततः शैतान के वंशज हैं" का सही अर्थ है। युगों भर में यह अज्ञात है कि आज के ज्येष्ठ पुत्रों की सेवा करने के लिए कितने लोग हैं; सभी सेवा कर्मियों में से कोई भी भाग नहीं सकता है, और मैं उनसे सदैव अपनी सेवा करवाऊँगा। जहाँ तक उनकी प्रकृति का संबंध है, सभी शैतान के बच्चे हैं, सभी मेरा विरोध करते हैं, और यद्यपि वे मेरे लिए सेवा करते हैं, किन्तु सभी को मजबूर होना पड़ता है, सभी के पास कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि सब कुछ मेरे हाथ से नियंत्रित होता है; जिन सेवा करने वालों का मैं उपयोग करता हूँ उन्हें अंत तक मेरे लिए सेवा अवश्य प्रदान करनी चाहिए। इस प्रकार, आज भी ऐसे कई लोग हैं जिनकी युगों भर के भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों के समान प्रकृति है, क्योंकि वे एक ही आत्मा के हैं। इस प्रकार, अभी भी कई ऐसे वफादार सेवा करने वाले हैं जो मेरे लिए दौड़-भाग कर रहे हैं, किन्तु अंत में (छः हजार से अधिक वर्षों से वे लगातार मेरी सेवा करते आ रहे हैं, इसलिए ये लोग सेवा करने वालों से संबंधित हैं), कोई भी वह प्राप्त नहीं कर सकता है जिसकी युगों भर में उन सभी ने आशा की है, क्योंकि जो मैंने तैयार किया है वह उनके लिए नहीं है।
मेरा सब कुछ आँखों के सामने पहले ही सम्पन्न हो चुका है; मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को अपने घर लौटा लूँगा, अपनी तरफ लौटा लूँगा और फिर से एक कर दूँगा। क्योंकि मैं विजयोत्साहित और विजयी लौटा हूँ और मैंने पूरी तरह से महिमा प्राप्त कर ली है, इसलिए मैं तुम लोगों को वापस लेने के लिए आया हूँ। अतीत में, कुछ लोगों ने "पाँच बुद्धिमान कुँवारियों, पाँच मूर्ख कुँवारियों" की भविष्यवाणियाँ की हैं; यद्यपि भविष्यवाणी परिशुद्ध नहीं है, फिर भी यह पूरी तरह से ग़लत भी नहीं है, इसलिए मैं तुम लोगों को कुछ स्पष्टीकरण दे सकता हूँ। पाँच बुद्धिमान कुँवारियाँ और पाँच मूर्ख कुँवारियाँ दोनों निश्चित रूप से लोगों की संख्या को नहीं दर्शाती हैं, न ही वे क्रमशः एक प्रकार के लोगों को दर्शाती हैं। पाँच बुद्धिमान कुँवारियों का अर्थ जनसंख्या है, पाँच मूर्ख कुँवारियाँ एक प्रकार के लोगों को दर्शाती हैं, किन्तु इन दोनों में से कोई भी ज्येष्ठ पुत्रों को संदर्भित नहीं करती हैं, और इसके बजाय वे सृजन को दर्शाती हैं। यही कारण है कि उन्हें अंत के दिनों में तेल तैयार करने के लिए कहा गया है। (सृजन में मेरी गुणवत्ता नहीं होती है; यदि वे बुद्धिमान लोग बनाना चाहते हैं तो उन्हें तेल तैयार करने की आवश्यकता है, और इस प्रकार उन्हें मेरे वचनों से सुसज्जित होने की आवश्यकता है)। पाँच बुद्धिमान कुँवारियाँ मनुष्यों के बीच में से मेरे पुत्रों और मेरे लोगों को दर्शाती हैं जिन्हें मैंने बनाया था। उन्हें "कुँवारियाँ" संबोधित करना[क] इसलिए है क्योंकि यद्यपि वे पृथ्वी पर पैदा हुए हैं, फिर भी वे मेरे द्वारा प्राप्त कर लिए जाते हैं; कोई कह सकता है कि वे पवित्र हो गए हैं, इसलिए उन्हें "कुँवारियाँ" कहा जाता है। पूर्वोल्लिखित "पाँच" मेरे पुत्रों और मेरे लोगों की संख्या को दर्शाता है जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया है। "पाँच मूर्ख कुँवारियाँ" सेवा करने वालों का उल्लेख करता है। वे जीवन को जरा सा अंश भी महत्व दिए बिना मेरे लिए सेवा करते हैं, केवल बाहरी चीज़ों का पीछा करते हैं (क्योंकि उनमें मेरी गुणवत्ता नहीं है, चाहे वे कुछ भी क्यों न करें, वह बाहरी चीज़ ही होती है), और वे मेरे सक्षम सहायक होने में असमर्थ हैं, इसलिए उन्हें "मूर्ख कुँवारियाँ" कहा जाता है। पूर्वोल्ल्खित "पाँच" शैतान को दर्शाता है, और उन्हें "कुँवारियाँ" कहे जाने[ख] का अर्थ है कि वे मेरे द्वारा जीते जा चुके हैं और मेरे लिए सेवा करने में सक्षम हैं, किन्तु इस तरह का व्यक्ति पवित्र नहीं है, इसलिए उन्हें सेवा करने वाले कहा जाता है।
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