जब परमेश्वर आत्मा के परिप्रेक्ष्य से अपना वचन बोलता है, तो उसका स्वर समस्त मानवजाति पर निर्देशित होता है। जब परमेश्वर मनुष्य के परिप्रेक्ष्य से अपना वचन बोलता है, तो उसका स्वर उन सभी पर निर्देशित होता है जो उसके आत्मा की अगुआई का अनुसरण करते हैं। जब परमेश्वर तीसरे व्यक्ति (जिसे लोग एक पर्यवेक्षक के रूप में संदर्भित करते हैं) के परिप्रेक्ष्य से अपना वचन बोलता है, तो वह लोगों को प्रत्यक्ष रूप से अपना वचन दिखा रहा होता है ताकि लोग उसे एक समालोचक के रूप में देख सकें, और ऐसा प्रतीत होता है कि उसके मुँह से अंतहीन चीज़ें प्रकट होती हैं जिन्हें मनुष्य नहीं जानता है, ऐसी चीजें जिनकी मनुष्य थाह नहीं पा सकता है।
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2019-01-03
2018-12-27
प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं
वह क्या मार्ग है जिसके माध्यम से परमेश्वर लोगों को पूर्ण करता है? कौन-कौन से पहलू उसमें शामिल हैं? क्या तू परमेश्वर के द्वारा पूर्ण होना चाहता है? क्या तू परमेश्वर का न्याय और उसकी ताड़ना को ग्रहण करना चाहता है? तू इन प्रश्नों से क्या समझता है?
2018-12-22
अध्याय 36
सर्वशक्तिमान सच्चा परमेश्वर, सिंहासन पर बैठा राजा, सभी राष्ट्रों और सभी लोगों के सामने, पूरे ब्रह्मांड पर शासन करता है, और स्वर्ग के नीचे का सब कुछ परमेश्वर की महिमा से चमकता है। ब्रह्मांड के अंतिम भागों तक सभी जीवित चीज़ें देखेंगी। सच्चे परमेश्वर के चेहरे के प्रकाश में पर्वतों, नदियों, झीलों, भूमिखण्डों, महासागरों और सभी जीवित प्राणियों ने पुनर्जीवित होकर अपने पर्दे खोले हैं, जैसे कि एक सपने से जाग उठे हों, मिट्टी को चीरकर जैसे अंकुर फूट निकले हों!
2018-12-21
चौथे कथन की व्याख्या
सभी लोगों को उनके नकारात्मक से सकारात्मक में संक्रमण के बाद उनका ध्यान आकृष्ट होने और उन्हें आवेश में बह जाने से रोकने के लिए, परमेश्वर के कथन के अंतिम अंश में, एक बार परमेश्वर ने अपने लोगों से अपनी उच्चतम अपेक्षाओं के बारे में कहा है—एक बार परमेश्वर ने अपनी प्रबंधन योजना के इस चरण में अपनी इच्छा के बारे में लोगों को बताया है—परमेश्वर अपने वचनों पर विचार करने, अंत में परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए अपना मन बनाने में उनकी सहायता करने का उन्हें अवसर प्रदान करता है।जब लोगों की स्थितियाँ सकारात्मक होती हैं, तो परमेश्वर तुरंत लोगों से इस मुद्दे के दूसरे पक्ष के बारे में प्रश्न पूछना शुरू कर देता है।
2018-12-19
अध्याय 3
आज, अब अनुग्रह का युग नहीं रहा, न ही यह दया का युग है, बल्कि यह राज्य का युग है जिसमें परमेश्वर के लोगों का पता चलता है, वह युग जिसमें परमेश्वर दिव्यता से सीधे कार्य करता है। इस प्रकार, परमेश्वर के वचनों के इस मार्ग पर, परमेश्वर उन सभी को आध्यात्मिक क्षेत्र में ले जाता है जो उसके वचनों को स्वीकार करता है। प्रारंभिक अनुच्छेद में, वह पहले से ही तैयारी करता है, और अगर किसी को परमेश्वर के वचनों का ज्ञान होता है, तो वह तरबूज़ प्राप्त करने के लिए उसकी बेल के पीछे चल पड़ेगा, और सीधे उसे समझ पाएगा जो परमेश्वर अपने लोगों में हासिल करना चाहता है। इससे पहले, लोगों का "सेवाकर्ता" के नाम से परीक्षण किया जाता था और आज, जब वे परीक्षण से गुज़र चुके हैं, तो उनका प्रशिक्षण आधिकारिक तौर पर शुरू हो रहा है।
2018-12-13
वह व्यक्ति उद्धार प्राप्त करता है जो सत्य का अभ्यास करने को तैयार है
बहुत पहले ही, उपदेशों में उचित कलीसिया जीवन होने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था। तो ऐसा क्यों है कि कलीसिया के जीवन में अभी तक सुधार नहीं हुआ है, और अभी भी वही पुरानी बात है? क्यों जीवन का एक बिल्कुल नया और अलग तरीका नहीं है? क्या नब्बे के दशक के एक व्यक्ति का एक बीते युग के सम्राट की तरह रहना उचित होगा? यद्यपि भोजन और पेय शायद ही कभी पिछले युग में चखे गए व्यंजन होंगे, कलीसिया की स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। यह पुरानी मदिरा को एक नई बोतल में डालने की तरह है।
2018-12-10
अध्याय 116
मेरे वचनों में से, बहुत से लोगों को डराते हैं, बहुत से लोगों को ख़ौफ़ से कँपाते हैं; अभी भी बहुत से अन्य लोगों लोगों को पीड़ा भुगतवाते हैं और आशा से वंचित करवा देते हैं, और अभी भी बहुत से अन्य लोगों के विनाश का कारण बनते हैं। मेरे वचनों की समृद्धि की कोई भी स्पष्ट रूप से थाह नहीं पा सकता है या कोई भी उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं समझ सकता है। जब मैं तुम लोगों को अपने वचन कहता हूँ और उन्हें एक-एक वाक्य करके तुम लोगों के लिए प्रकट करता हूँ केवल तभी तुम लोग सामान्य स्थिति को जान पाते हो; विशिष्ट तथ्यों की सच्चाई, अभी भी तुम लोगों की समझ में नहीं आती हैं।
2018-12-01
स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X
सब वस्तुओं के जीवन का स्रोत परमेश्वर है (IV)
आज, हम एक खास विषय पर बातचीत कर रहे हैं। तुम लोगों में से प्रत्येक के लिये, केवल दो ही बातें हैं जिनके विषय में तुम्हें जानना, अनुभव करना और समझना आवश्यक है-और ये दो बातें क्या हैं? पहली बात है, लोगों का जीवन में व्यक्तिगत रूप से प्रवेश, और दूसरी, परमेश्वर को जानने के विषय से संबंधित है। आज मैं तुम्हें विकल्प देता हूं: एक को चुनो। क्या तुम लोग ऐसे विषय के बारे में सुनना पसंद करोगे, जो लोगों के व्यक्तिगत जीवन के विषय से संबंधित है, या स्वयं परमेश्वर को जानने के बारे में सुनना चाहोगे? और मैं तुम्हें ऐसा विकल्प क्यों देता हूँ?
2018-11-23
कार्य और प्रवेश (5)
आज तुम सब जानते हो कि परमेश्वर लोगों की अगुवाई जीवन के सही मार्ग पर कर रहा है, कि वह दूसरे युग में प्रवेश करने का अगला कदम उठाने में मनुष्य की अगुवाई कर रहा है, कि वह इस अंधकारमय पुराने समय से, शरीर से बाहर, अंधकारमय शक्तियों और शैतान के प्रभाव के अत्याचार से ऊपर बढ़ने में मनुष्य की अगुवाई कर रहा है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्रता के संसार में जी सके। एक सुंदर कल के लिए, और इसलिए कि लोग अपने कल के कदमों में और अधिक साहसी हो जाएँ, परमेश्वर का आत्मा मनुष्य के लिए सब बातों की योजना बनाता है, और इसलिए कि मनुष्य और अधिक आनंद प्राप्त करे, परमेश्वर शरीर में मनुष्य के आगे के मार्ग को तैयार करने के लिये सभी प्रयास करता है, और उस दिन के आगमन को शीघ्रता से लाता है जिसकी मनुष्य इच्छा करता है। क्या तुम इस सुंदर पल का आनंद लोगे? परमेश्वर के साथ मिलकर आना कोई सरल उपलब्धि नहीं है।
2018-11-21
कार्य और प्रवेश (4)
कार्य और प्रवेश (4)
यदि मनुष्य वास्तव में पवित्र आत्मा के कार्य के अनुसार प्रवेश कर सके, तो उसका जीवन वसंत की वर्षा के बाद बांस की कली की तरह शीघ्र अंकुरित हो जाएगा। अधिकांश लोगों की मौज़ूदा हैसियतों से अनुमान लगाते हुए, कोई भी जीवन को किसी प्रकार का महत्व नहीं दे रहा है। इसके बजाय, लोग कुछ अप्रासंगिक सतही मामलों को महत्व दे रहे हैं।
2018-04-08
दो हज़ार सालों की अभिलाषा
Hindi Gospel Song "दो हज़ार सालों की अभिलाषा" | Meeting Christ
कि परमेश्वर ने किया है देहधारण हिल उठता है धार्मिक संसार,
होती है परेशान धार्मिक व्यवस्था,
और उन सभी की आत्मा होती है उद्वेलित
जिनको है अभिलाषा परमेश्वर के प्रकटन की।
कौन नहीं होता मोहित इस पर?
कौन नहीं करता अभिलाषा परमेश्वर के दर्शन की?
परमेश्वर ने बिताए हैं वर्षों मनुष्यों के मध्य,
लेकिन मनुष्य साधारण रूप से है इससे अनभिज्ञ।
आज, करने के लिए मनुष्य के साथ अपने पुराने प्रेम को नवीन
परमेश्वर स्वंय प्रकट हुआ है।
यहूदिया से उसके जाने के बाद,
परमेश्वर हुआ अदृश्य ना मिला कोई सुराग।
उसे दोबारा देखने के लिए लोगों में है अभिलाषा,
लेकिन उन्होंने कभी सोचा भी नहीं
है उसके साथ यहाँ और आज मिलने के लिए।
यह कैसे नहीं वापस ला सकती हैं बीते दिनों की याद?
दो हज़ार साल पहले,
योना का पुत्र सिमोन प्रभु यीशु से मिला था,
और एक ही मेज पर खाया था प्रभु के साथ।
वर्षों के अनुपालन से उसका प्रेम हुआ परमेश्वर के लिए गहरा।
उसने यीशु को किया प्रेम अपने ह्रदय की गहराई से।
परमेश्वर ने बिताए हैं वर्षों मनुष्यों के मध्य,
लेकिन मनुष्य साधारण रूप से है इससे अनभिज्ञ।
आज, करने के लिए मनुष्य के साथ अपने पुराने प्रेम
को नवीन परमेश्वर स्वंय प्रकट हुआ है,
करने के लिए मनुष्य के साथ नवीन अपना पुराना प्रेम।
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