2019-06-15

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" (अंश)



सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" (अंश)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "मनुष्य सदियों से परमेश्वर के साथ चलता आया है, फिर भी मनुष्य नहीं जानता है कि परमेश्वर सभी बातों पर, जीवित प्राणियों के भाग्य पर शासन करता है या सभी बातों को परमेश्वर किस प्रकार से आयोजित या निर्देशित करता है। यह कुछ ऐसी बातें हैं जो अतीतकाल से आज तक मनुष्य की नजरों में नहीं आ पाई हैं। जहाँ तक उस कारण की बात है, यह इसलिए नहीं है क्योंकि परमेश्वर के मार्ग बहुत ही भ्रान्तिजनक हैं, या क्योंकि परमेश्वर की योजना का अभी भी पूरा होना बाकी है, परन्तु इसलिए कि मनुष्य का हृदय और आत्मा परमेश्वर से अत्यधिक दूर है।इसलिए, हालांकि मनुष्य परमेश्वर का अनुसरण करता है, वह अनजाने में शैतान की सेवा में लगा रहता है। कोई भी सक्रिय तौर पर परमेश्वर के नक्शेकदमों या उपस्थिति नहीं खोजता है और कोई भी परमेश्वर की देखभाल और संरक्षण में नहीं रहना चाहता। परन्तु वे शैतान और दुष्टता की इच्छा पर भरोसा करने को तैयार रहते हैं ताकि इस संसार और दुष्ट मानवजाति के जीवन के नियमों का पालन करने के लिए अनुकूल बन जाएँ। इस बिन्दु पर, मनुष्य का हृदय और आत्मा शैतान के लिए बलिदान हो जाते हैं और वे उसके बने रहने का सहारा बन जाते हैं। इसके अलावा, मनुष्य का हृदय और आत्मा शैतान का निवास और उपयुक्त खेल का मैदान बन जाते हैं। इस प्रकार से, मनुष्य अनजाने में अपने मानव होने के नियमों की समझ, और मानव के मूल्य और उसके अस्तित्व के उद्देश्य को खो देता है। परमेश्वर से प्राप्त नियमों और परमेश्वर तथा मनुष्य के मध्य की वाचा धीरे-धीरे मनुष्य के हृदय से क्षीण होती जाती है और मनुष्य परमेश्वर पर अपना ध्यान केन्द्रित करना या उसे खोजना बंद कर देता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, मनुष्य समझ नहीं पाता कि परमेश्वर ने मनुष्य को क्यों बनाया है, न ही वह परमेश्वर के मुख से निकलने वाले शब्दों को समझ पाता है या न ही जो कुछ परमेश्वर से होता है उसे महसूस कर पाता है। मनुष्य परमेश्वर के नियमों और आदेशों का विरोध करना प्रारम्भ कर देता है; मनुष्य का हृदय और आत्मा शक्तिहीन हो जाते हैं.... परमेश्वर अपनी मूल रचना के मनुष्य को खो देता है, और मनुष्य अपने प्रारम्भ के मूल को खो देता है। यही इस मानवजाति का दुख है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से

चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
अधिक: यीशु मसीह का दूसरा आगमन

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