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2019-03-09

कार्य और प्रवेश (7)

मसीह के कथन-सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं:इतिहास और मानव जाति की प्राचीन संस्कृति के बारे में मनुष्यों की पूरी अज्ञानता के कारण, वे परमेश्वर के कार्य के बारे में थोड़ी-सी भी जानकारी नहीं रखते हैं।

कार्य और प्रवेश (7)
मानव को इस दिन तक का समय लग गया है यह समझ पाने में कि जिसका उसे अभाव है, वह न केवल आध्यात्मिक जीवन की आपूर्ति और परमेश्वर को जानने का अनुभव है, बल्कि जो इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है, वह है उसके स्वभाव में परिवर्तन। इतिहास और मानव जाति की प्राचीन संस्कृति के बारे में मनुष्यों की पूरी अज्ञानता के कारण, वे परमेश्वर के कार्य के बारे में थोड़ी-सी भी जानकारी नहीं रखते हैं। मनुष्य को उम्मीद है कि दिल की गहराई में, वह परमेश्वर से जुड़ा हो सकता है, लेकिन मनुष्य के देह की अत्यधिक भ्रष्टता के साथ-साथ सुन्नता और मंदता के कारण, मनुष्य इतना घट गया है कि उसे परमेश्वर का न्यूनतम ज्ञान भी नहीं है।

2018-09-18

सोलहवाँ कथन

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सोलहवाँ कथन

ऐसा बहुत कुछ है जो मैं मनुष्य से कहना चाहता हूँ, बहुत सी चीजें हैं जो मुझे उसे अवश्य बतानी चाहिए। परन्तु मनुष्य में स्वीकृति की योग्यताओं का अत्यधिक अभाव हैः मेरे वचनों को, जिस अनुसार मैं प्रदान करता हूँ, उस अनुसार समझने में पूरी तरह से अक्षम है, और केवल एक ही पहलू को वह समझता है किन्तु दूसरे के प्रति अनभिज्ञ रहता है। फिर भी, मैं मनुष्य को उसकी शक्तिहीनता की वजह से मृत्यु नहीं देता हूँ, न ही मैं उसकी कमज़ोरी से व्यथित हूँ।

2018-08-30

तेरहवाँ कथन

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तेरहवाँ कथन

मेरी आवाज़ की घोषणाओं के भीतर मेरे कई इरादे छुपे होते हैं। परन्तु मनुष्य उनमें से किसी को भी नहीं जानता और समझता है, और मेरे हृदय को जानने या मेरे वचनों के भीतर मेरी इच्छा का सहजज्ञान करने में समर्थ हुए बिना बाहर ही बाहर मेरे वचनों को ग्रहण करता रहता है और बाहर ही बाहर उनका अनुसरण करता रहता है।

2018-08-26

तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए

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तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए

      तुम्हारे जीवन के कार्यों से अनुमान लगता है, कि तुम लोगों को पोषण और पुन: आपूर्ति के लिए प्रतिदिन वचनों की आवश्यकता है, क्योंकि तुम लोगों में बहुत सारी कमियां हैं और तुम लोगों में ग्रहण करने की योग्यता और ज्ञान बहुत ही कम है। अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे याको जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है।