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2018-08-26

तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, वचनों, उद्धार, निर्णय, सर्वशक्तिमान ईश्वर,

तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए

      तुम्हारे जीवन के कार्यों से अनुमान लगता है, कि तुम लोगों को पोषण और पुन: आपूर्ति के लिए प्रतिदिन वचनों की आवश्यकता है, क्योंकि तुम लोगों में बहुत सारी कमियां हैं और तुम लोगों में ग्रहण करने की योग्यता और ज्ञान बहुत ही कम है। अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे याको जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है।

2017-12-13

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है"


                     केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है"

सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर कहते हैं "अंतिम दिनों का मसीह जीवन लेकर आया, और सत्य का स्थायी एवं अनन्त मार्ग प्रदान किया। इसी सत्य के मार्ग
के द्वारा मनुष्य जीवन को प्राप्त करेगा, और एक मात्र इसी मार्ग से मनुष्य परमेश्वर को जानेगा और परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त करेगा। यदि तुम अंतिम दिनों के मसीह के द्वारा प्रदान किए गए जीवन के मार्ग को नहीं खोजते हो, तो तुम कभी भी यीशु के अनुमोदन को प्राप्त नहीं कर पाओगे और कभी भी स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के योग्य नहीं बन पाओगे क्योंकि तुम इतिहास के कठपुतली और कैदी हो। जो लोग नियमों, संदेशों के नियंत्रण में हैं और इतिहास की ज़ंजीरों में जकड़े हुए हैं वे कभी भी जीवन को प्राप्त नहीं कर सकते हैं, और कभी भी सतत जीवन के मार्ग को प्राप्त करने के योग्य नहीं बन सकते हैं। क्योंकि सिंहासन से प्रवाहित जीवन जल की अपेक्षा, उनके भीतर मैला पानी भरा है जो हज़ारों सालों से वहीं ठहरा हुआ है, जिनके पास जीवन का जल नहीं है वे हमेशा के लिए एक लाश, शैतान के खेलने की वस्तु और नरक की संतान बन जाएंगे। फिर वे परमेश्वर को कैसे देख सकते हैं?"
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।



2017-12-07

प्रार्थना की क्रिया के विषय में




अपने प्रतिदिन के जीवन में तुम प्रार्थना पर बिलकुल ध्यान नहीं देते। लोगों ने प्रार्थना को सदैव नजरअंदाज किया है। अपनी प्रार्थनाओं में वे ऐसे ही इधर-उधर घूमते हैं और ऊपरी तौर पर कार्य करते हैं, और किसी ने भी कभी परमेश्वर के समक्ष पूरी रीति से अपने हृदय को समर्पित नहीं किया है और न ही परमेश्वर से सच्चाई से प्रार्थना की है। लोग परमेश्वर से तभी प्रार्थना करते हैं जब उनके साथ कुछ घटित हो जाता है। इन सारे समयों के दौरान, क्या तुमने कभी सच्चाई के साथ परमेश्वर से प्रार्थना की है? क्या तुमने कभी पीड़ा के आँसुओं को परमेश्वर के सामने बहाया है? क्या तुमने कभी परमेश्वर के सामने स्वयं को पहचाना है? क्या तुमने कभी परमेश्वर के साथ हृदय से हृदय मिलाते हुए प्रार्थना की है? प्रार्थना का अभ्यास धीरे-धीरे किया जाता है: यदि तुम सामान्य रीति से घर पर प्रार्थना नहीं करते हो, तब तुम्हारा कलीसिया में प्रार्थना करने का कोई अर्थ नहीं होगा, और यदि तुम छोटी-छोटी सभाओं में सामान्य रीति से प्रार्थना नहीं करते हो, तो बड़ी-बड़ी सभाओं में प्रार्थना करने में भी असमर्थ होगे। यदि तुम सामान्य रीति से परमेश्वर के निकट नहीं आते या परमेश्वर के वचनों पर मनन नहीं करते हो, तो तुम्हारे पास तब कहने के लिए कुछ भी नहीं होगा जब प्रार्थना का समय होगा - और यदि तुम प्रार्थना करते भी हो, तो बस तुम्हारे होंठ ही हिलते रहेंगे, तुम सच्चाई से प्रार्थना नहीं कर रहे होगे।

2017-11-11

मार्ग... (2)


मार्ग... (2)

शायद हमारे भाइयों और बहनों के पास मुख्य भूमि चीन में परमेश्वर के काम के अनुक्रम, कदमों, और तरीकों की एक रूपरेखा है, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि हमारे भाइयों और बहनों के लिए एक अनुस्मरण या थोड़े संक्षिप्त विवरण का होना बेहतर है। मेरे दिल में क्या है उसमें से थोड़ा सा कहने के लिए मैं सिर्फ़ इस अवसर का उपयोग कर रहा हूँ; मैं इस काम के बाहर किसी चीज के बारे में बात नहीं कर रहा हूँ।

2017-11-10

बाइबल के विषय में (3)




बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्तावेज़ है, और एक भाग वह अनुभव और ज्ञान है जिन्हें युगों के दौरान उन लोगों के द्वारा लिखा गया था जिन्हें परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया गया था। मानवीय अनुभवों को मानवीय अनुमानों और ज्ञान के साथ दूषित किया गया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

2017-11-04

क्या वे जो सीखते और जानते नहीं, पशु मात्र नहीं हैं?



आज के पथ पर खोज के लिए सबसे उपयुक्त तरीका क्या है? अपनी खोज में तुम्हें किस व्यक्ति के रूप में स्वयं को देखना चाहिए? तुम्हें पता होना चाहिए कि जो कुछ अभी तुम्हारे साथ घटित हो रहा है उसे कैसे सँभाला जाए, चाहे वे परीक्षाएँ हों या पीड़ा, बेरहम ताड़ना हो या अभिशाप, इन सब के प्रति तुम्हें सतर्क ध्यान देना चाहिए। मैं यह क्यों कह रहा हूँ? क्योंकि अंततः, अब जो तुम्हारे साथ घटित हो रहा है, वह एक के बाद एक छोटा परीक्षण है। शायद अभी यह तुम्हारे लिए एक बड़ा तनाव नहीं, इसलिए तुम चीज़ों को चाहे जैसे भी होने दे रहे हो, प्रगति की अपनी खोज में इसे कीमती धन की तरह न लेते हुए। तुम बहुत अधिक लापरवाह हो! इस कीमती धन को तुम वास्तव में अपनी आँखों के सामने तैरते बादलों की तरह लेते हो, और तुम कठोर आघात करतीं इन छोटी घटनाओं को संजोये नहीं रखते, जो अभी तुम्हें बहुत कठोर नहीं लग रही हैं। तुम बस रुखाई से निरीक्षण करते हो और दिल पर उन्हें नहीं लेते हो, केवल उन्हें कभी-कभी एक दीवार से टकराते हुए देखते हो। तुम बहुत घमंडी हो! एक के बाद एक भीषण, तूफानी हमले की ओर तुम एक तिरस्कारपूर्ण रवैया अपनाते हो, और कभी-कभी तुम रुखाई से मुस्कुराते हो, उदासीनता का एक भाव प्रकट करते हुए। इसका कारण यह है कि तुम बार-बार इस तरह के "दुर्भाग्य" से क्यों पीड़ित होते हो, इस बारे में तुमने कभी सोचा ही नहीं है। क्या यह हो सकता है कि मैं लोगों के प्रति बहुत अन्यायी हूँ? क्या मैं तुम्हारे साथ बस छिद्रान्वेषण कर रहा हूँ? यद्यपि तुम्हारी सोच उस तरह गंभीर नहीं है जिस तरह मैंने इसका वर्णन किया है, तुम्हारे खामोश आचरण ने तुम्हारे दिल की भीतर की दुनिया को बहुत सुस्पष्ट ढंग से चित्रित किया गया है। कहने की जरूरत नहीं है कि जो चीज़ तुम्हारे दिल में गहरी छिपी हुई है वह निंदा और दुःख की उस अंतहीन झलक के अलावा और कुछ भी नहीं, जो दूसरों को शायद ही नज़र आये। चूँकि तुमने इस तरह के परीक्षणों को सहा है इसीलिए तुम्हें लगता है कि यह बहुत अनुचित है और तुम इस तरह अपशब्द फेंकते हो। यह इन परीक्षणों के कारण ही है कि तुम्हें लगता है दुनिया इतनी उजाड़ है, और इस प्रकार तुम उदासी से भरे हुए हो।

2017-10-07

दुष्ट को दण्ड अवश्य दिया जाना चाहिए


इस बात का निरीक्षण करना कि क्या तुम जो कुछ भी करते हैं उसमें धार्मिकता का अभ्यास करते हैं, और क्या तुम्हारी समस्त क्रियाओं की परमेश्वर द्वारा निगरानी की जाती है, ये परमेश्वर में विश्वास करनेवालों के स्वभावजन्य सिद्धांत हैं। तुम लोग धर्मी कहलाओगे क्योंकि तुम लोग परमेश्वर को संतुष्ट करने में सक्षम हो, और क्योंकि तुम लोग परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा को स्वीकार करते हो। परमेश्वर की नज़र में, वे सब जो परमेश्वर की देखभाल, सुरक्षा और पूर्णता को स्वीकार करते हैं और जो उसके द्वारा प्राप्त कर लिए जाते हैं, वे धर्मी हैं और परमेश्वर द्वारा प्यार से देखे जाते हैं।

2017-10-03

जब आप यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होंगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा


क्या आप यीशु को देखना चाहते हैं? क्या आप यीशु के साथ रहना चाहते हैं? क्या आप यीशु के द्धारा कहे गए वचनों को सुनना चाहते हैं? यदि ऐसा है, तो आप यीशु के लौटने का कैसे स्वागत करेंगे? क्या आप पूरी तरह से तैयार हैं? किस ढंग से आप यीशु के लौटने का स्वागत करेंगे? मुझे लगता है कि प्रत्येक भाई और बहन जो यीशु का अनुसरण करतें हैं यीशु का अच्छी तरह से स्वागत करना चाहेंगे। परन्तु क्या आप लोगों ने विचार किया है कि जब यीशु वापस आएगा तो क्या आप सचमुच में उसे पहचान लेंगे? क्या आप लोग सचमुच में वह सब कुछ समझ जाएँगे जो वह कहेगा? क्या आप लोग वे सब कार्य जो यीशु करेगा, उन्हें, बिना किसी शर्त के, सचमुच में स्वीकार कर लेंगे? वे सब जिन्होंने बाइबल पढ़ी है, यीशु के लौटने के बारे में जानते हैं, और वे सब जिन्होंने बाइबल को अभिप्राय से पढ़ी है, उसके आगमन की प्रतीक्षा करते हैं।

2017-09-30

आज परमेश्वर के कार्य को जानना

इन दिनों में परमेश्वर के कार्यों को जानना, अधिकांशतः, अंत के दिनों के देहधारी परमेश्वर को जानना है, यह जानना है कि उसकी मुख्य सेवकाई क्या है और पृथ्वी पर वह क्या करने के लिए आया है। मैंने पहले अपने वचनों में उल्लेख किया था कि प्रस्थान से पहले हमारे सामने एक उदाहरण स्थापित करने के लिए परमेश्वर पृथ्वी पर (अंत के दिनों के दौरान) आया है। परमेश्वर किस प्रकार यह उदाहरण स्थापित करता है? वचनों को बोलने के द्वारा, सम्पूर्ण देश में कार्य करने और बोलने के द्वारा। अंत के दिनों में यही परमेश्वर का कार्य है; वह केवल बोलता है, ताकि पृथ्वी वचनों का संसार बन जाए, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को उसके वचनों द्वारा भरण पोषण और प्रबुद्ध किया जाए, और ताकि मनुष्य की आत्मा जागरूक हो जाए और वह स्वप्न के बारे में स्पष्ट हो जाए। अंत के दिनों के दौरान, देहधारी परमेश्वर मुख्य रूप से वचनों को कहने के लिए आया है। जब यीशु आया, उसने स्वर्ग के राज्य के सुसमाचार को फैलाया और क्रूसीकरण के छुटकारे का कार्य पूरा किया। वह व्यवस्था के युग का अंत लाया और उसने सभी पुरानी बातों को समाप्त कर दिया। यीशु के आगमन से व्यवस्था के युग का अंत हो गया और अनुग्रह के युग का आरम्भ हुआ। अंत के दिनों के देहधारी परमेश्वर का आगमन अनुग्रह के युग के अंत को लाया है। वह मुख्य रूप से अपने वचनों को कहने, मनुष्य को सिद्ध बनाने के लिए वचनों का उपयोग करने, मनुष्य को रोशन और प्रबुद्ध करने, और मनुष्य के हृदय से अज्ञात परमेश्वर के स्थान को हटाने के लिए आया है। यह कार्य का वह चरण नहीं है जो यीशु ने तब किया था जब वह आया था। जब यीशु आया, तो उसने कई चमत्कार किए, उसने बीमारों को चंगा किया और पिशाचों को निकाला, और क्रूसीकरण का छुटकारे का कार्य पूर्ण किया। परिणामस्वरूप, अपनी धारणाओं में, मनुष्य विश्वास करता है कि परमेश्वर को ऐसा ही होना चाहिए।

2017-09-25

कई बुलाए जाते हैं, किन्तु कुछ ही चुने जाते हैं

पृथ्वी पर मेरे अनुयायी होने के लिए मैंने कई लोगों को खोजा है। उनमें ऐसे लोग हैं जो याजकों की तरह सेवा करते हैं, जो अगुआई करते हैं, जो बेटे बनते हैं, जो लोगों का गठन करते हैं और जो सेवा करते हैं। मैंने ये विभाजन उस वफादारी के अनुसार किए हैं जो मनुष्य की मेरे प्रति होती है। जब सभी मनुष्यों का उनके प्रकार के अनुसार विभेद कर दिया जाता है, अर्थात्, जब प्रत्येक मनुष्य के प्रकार की प्रकृति स्पष्ट कर दी जाती है, तब मैं उनके उचित प्रकार के बीच प्रत्येक मनुष्य की गिनती करूँगा और प्रत्येक प्रकार को उसके उपयुक्त स्थान पर रखूँगा ताकि मैं मानवजाति के उद्धार के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकूँ। बारी-बारी से, मैं उन लोगों के समूह को बुलाता हूँ जिन्हें मेरे घर पर वापस लौटाने के लिए मैं उन्हें बचाना चाहता हूँ, फिर मैं उन सब से अंत के दिनों के मेरे कार्यों को स्वीकार करने के लिए कहता हूँ। साथ ही साथ, मैं लोगों का उनके प्रकार के अनुसार विभेद करता हूँ, फिर उनके कर्मों के आधार पर प्रत्येक को प्रतिफल या सज़ा देता हूँ। इस प्रकार के कदम मेरे कार्यों में शामिल है।

2017-09-23

अपने लक्ष्य की तैयारी में आपको पर्याप्त भले काम करने चाहिये

मैंने आप सबके बीच बहुत काम किया है और निश्चय ही बहुत सी बातें कही हैं। फिर भी मुझे लगता है कि मेरे वचन और कार्य ने अंत के दिनों के लिये मेरे कार्य के उद्देश्य को सम्पूर्ण रीति से सम्पन्न नहीं किया है। क्योंकि अंत के दिनों में मेरा कार्य किसी एक व्यक्ति या लोगों के लिये नहीं है, परन्तु यह मेरे अन्तर्निहित स्वभाव को प्रदर्शित करने के लिये है। हालांकि अनेकानेक कारणवश - संभवतः समय की कमी या कार्य की अति व्यस्त दिनचर्या के कारण- मेरे स्वभाव ने मनुष्य को मुझसे परिचित कराने में जरा भी सहायता नहीं की है। इस कारण अब मैंने अपनी एक नयी योजना की ओर कदम बढ़ाये हैं, यह मेरा अंतिम कार्य है- कि एक नया पृष्ठ खोलूं ताकि वे सब जो मुझे देखते हैं- मेरे अस्तित्व के लिये छाती पीटेंगे और बहुत विलाप करेंगे। क्योंकि मैं संसार में मनुष्यों का अंत कर दूंगा और उसके बाद, मैं मनुष्यों पर अपने पूरे स्वभाव का खुलकर प्रदर्शन करूंगा ताकि जो मुझे जानते हैं, और जो मुझे नहीं जानते, “उनकी आंखें संतृप्त” हों, और वे देखें कि मैं वास्तव में मनुष्यों के बीच पृथ्वी पर आ गया हूँ, जहाँ सभी वस्तुएं बढ़ती हैं। यह मेरी योजना एवं मनुष्यों के सृजन के समय से मेरी एकमात्र “स्वीकारोक्ति” है। काश आप सम्पूर्ण हृदय से मेरे प्रत्येक कार्य को देख पाते, क्योंकि मेरी छड़ी एक बार फिर मनुष्यों के पास, विशेष कर उनके पास आती है जो मेरा विरोध करते हैं।